सावन का महीना, बदरिया करे शोर
सावन का महीना, बदरिया करे शोर।
अरे ! गरज गरज के बरसे, भींजे है चारो ओर।
गाए कोयल , गाए पपीहा, मन मे गाए रे चकोर।
बरसे है रे सावन, और नाचे सारे मोर।
सावन का महीना , घटा घेरे है घनघोर।
अरे! जोर-जोर से बरसो, ☁ मेघा बरसो रे बेजोर।
मन मे चले ब्यार, और भीगे सब संसार।
अरे! घुमड़-घुमड़ के बादल आए, देखो , काहे आए हमरे द्वार।
ना हमको ये बादल भाए, ना भाए इनका प्यार।
अरे! नही चाहिए हमको, बादलो का ये प्रहार।
गरजे रे बिजुरिया, और छेड़े कोई तार।
आज लागे है जैसे, नया हो जाएगा सारा संसार।
सावन का महीना फिर, आए ना बार-बार।
अरे! इतना बरसो मेघा कि, खुल जाए दिल के द्वार।
शिव शंभू का पावन महीना, लागे है एक त्यौहार ।
अरे! चलो कांवड़िया सारे, खुला है बाबा का दरबार।
अमरनाथ, केदारनाथ और बद्रीनाथ भी जाएंगे।
बम-बम भोले का जयकारा लगाकर , भक्त सब जल चढ़ाएंगें।
मिताली ममता शर्मा