फर्जी एनकाउंटर केस में 18 साल बाद मुंबई के सुपरकॉप प्रदीप शर्मा को उम्रकैद

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जानकारी के मुताबिक 2006 में मुंबई में चर्चित लखन भैया के एकाउंटर को पुलिस ने अंजाम दिया था. जिसके बाद पुलिस के एनकाउंटर स्पेसलिस्ट प्रदीप शर्म पर कई आरोप लगाए गए थे. मामला ट्रायल कोर्ट में चल रहा था. ट्रायल कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया था बल्कि इस मामले में अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था. लेकिन, हाई कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को भी दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

3 हफ्ते का दिया समय

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुपर कॉर्प प्रदीप शर्मा को 3 हफ्ते के अंदर आत्मसमर्पण का आदेश दिया है. जस्टिस रेवती मोहिते देरे और जस्टिस गौरी गोडसे की पीठ ने इस मामले में 16 अपीलों पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. इसी पर आज फैसला सुनाया गया है. बता दें कि मुंबई में लखन भैया नाम के शख्स को पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगाकर गिरफ्तार किया था. शक था कि वह छोटा राजन गैंग का सदस्य था. 11 नवंबर 2006 को शाम के वक्त मुंबई के वर्सोवा इलाके में उसका एनकाउंटर किया गया था. इस पूरे केस का नेतृत्व पूर्व एनकाउंटर स्पेसलिस्ट प्रदीप शर्मा ने किया था.

कॉल डेटा से हुआ खुलासा

2013 में मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 13 पुलिसकर्मियों समेत कुल 21 लोगों को दोषी ठहराया था. कोर्ट ने सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद पूरा मामला बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंच गया. अब हाई कोर्ट ने रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के एनकाउंटर मामले में 13 को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. लखन भैया के भाई अधिवक्ता राम प्रसाद गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि बैलिस्टिक रिपोर्ट और कॉल डेटा के मुताबिक जब फर्जी एनकाउंटर हुआ उस वक्त प्रदीप शर्मा मौके पर मौजूद थे.

– agency

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