शामली में पुलिस की मुठभेड़ में 4 बदमाश ढेर, एसटीएफ के इंस्पेक्टर को भी लगी चार गोलियां

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शामली।उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुलिस और बदमाशों के बीच सोमवार की आधी रात के बाद लगभग 2:30 बजे झिंझाना में मुठभेड़ हुई।इस दौरान एसटीएफ और बदमाशों के बीच फायरिंग के बीच चार बदमाश ढेर हो गए।वहीं एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी चार गोलियां लगी हैं,जिससे वह घायल हो गए हैं। सुनील कुमार की हालत गंभीर बताई जा रही है।बता दें कि मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग का एक लाख का इनामी बदमाश अरशद भी इस मुठभेड़ में मारा गया है।

पुलिस टीम पर बदमाशों ने की फायरिंग

दरअसल एसटीएफ की मेरठ टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि अरशद अपने साथियों के साथ झिंझाना थाना क्षेत्र से गुजरने वाला है।एसटीएफ ने शामली के झिंझाना क्षेत्र में घेराबंदी कर‌ बदमाशों को रोकने की कोशिश की। इस पर बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला। लगभग आधे घंटे तक चली इस मुठभेड़ में अरशद और उसके तीन साथी मंजीत, सतीश और एक अज्ञात साथी घायल हो गए।घायल हो गए।उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अरशद की मौत के साथ ही मुस्तफा कग्गा गैंग को एक बड़ा झटका लगा है। पुलिस अब अन्य वांछित अपराधियों की तलाश में जुट गई है।

अरशद पर कई थानों में दर्ज थे मुकदमे

अरशद सहारनपुर के थाना बेहट से लूट के एक मामले में वांछित था।अरशद सहारनपुर के गंगोह थाना क्षेत्र का रहने वाला था। उसके खिलाफ हत्‍या, लूट, डकैती जैसे एक दर्जन मामले दर्ज थे।अरशद पर एडीजी जोन द्वारा एक लाख का इनाम घोषित किया गया था।एसटीएफ के हाथों मारे गए चारों बदमाश हत्‍या, लूट और डकैती जैसे अपराधों के चलते कुख्‍यात थे।मंजीत और सतीश भी खूंखार बदमाश थे।
मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को कई गोलियां लगी हैं।आनन-फानन में उन्हें करनाल के अमृतधारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल रेफर किया गया।घायल इंस्‍पेक्‍टर की हालत गंभीर है।डॉक्‍टर उनके इलाज में जुटे हुए हैं।

ताबड़तोड़ एनकाउंटर से सिहर उठे क्रिमिनल,योगी राज में मिट्टी में मिले इतने गुंडे

उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ एनकाउंटर से अपराध जगत कांप उठा है।योगी सरकार अपराधियों को लगातार मिट्टी में मिला रही है।सात साल से अपराधियों के खिलाफ जारी ऐक्‍शन में दिसम्‍बर 2024 तक 217 गुंडों-बदमाशों को ढेर किया जा चुका था। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

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