कंपोजिट ग्रांट का हिसाब ही गोल किये बैठे हैं 47 स्कूल, बीएसए ने लिखा-छवि हो रही है धूमिल

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कंपोजिट ग्रांट का हिसाब ही गोल किये बैठे हैं 47 स्कूल, बीएसए ने लिखा-छवि हो रही है धूमिल


अयोध्या। समग्र शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट की धनराशि को लेकर जिले के परिषदीय विद्यालयों द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग की साख पर बट्टा लगा दिया गया है। जिन स्कूलों को यह धनराशि विभिन्न कार्यों के लिए दी गई थी उन्होंने अभी तक खर्च की गई फूटी कौड़ी का भी हिसाब नहीं दिया है। नतीजा बेसिक शिक्षा अधिकारी को खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करना पड़ा है। इतना ही नहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यहां तक लिखा है इससे जिले के बेसिक शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
मामला वर्ष 2023-24 में समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिले के परिषदीय विद्यालयों को दी गई 13 लाख 38 हजार 500 रुपए की कंपोजिट ग्रांट की धनराशि से जुड़ा हुआ है। जिले के 1788 परिषदीय विद्यालयों में से 47 स्कूलों को यह धनराशि निर्गत की गई थी। इसके तहत विभिन्न कार्य कराए जाने थे और उसका उपभोग प्रमाण पत्र भी विभाग को मुहैया कराना था। लेकिन अभी तक एक भी स्कूल की ओर से खर्च की गई धनराशि का ब्यौरा पीएमएस पोर्टल और विभाग को नहीं उपलब्ध कराया गया है। आठ बार चेतावनी के बाद भी जब संबधित परिषदीय विद्यालयों के जिम्मेदार नहीं जागे तो 18 जुलाई को बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय को पत्र जारी करना पड़ा है। पत्र के साथ जारी की गई धनराशि का ब्यौरा देते हुए कहा गया है अभी तक 97 प्रतिशत प्रगति लंबित है। इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि भारत सरकार और शासन द्वारा इसकी प्रगति की समीक्षा की जाती है, ब्यौरा न दिए जाने से विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है। इसके अलावा तीन दिन के अंदर भौतिक और वित्तीय प्रगति अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।
हालांकि 18 जुलाई को जारी पत्र के बाद शनिवार बीस जुलाई तक पीएमएस पोर्टल पर कंपोजिट ग्रांट का ब्यौरा शून्य दिखाई दे रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया यदि सोमवार तक ब्यौरा उपलब्ध न हुआ तो संबधित पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया है कि ब्यौरा न देना खर्च की गई धनराशि को संदेहास्पद बनाता है।

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