58वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2024  16 से 20 अक्टूबर 2024 तक इंडिया एक्सपो सेंटर ग्रेटर नोएडा

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58वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2024  16 से 20 अक्टूबर 2024 तक इंडिया एक्सपो सेंटर ग्रेटर नोएडा

व्यावसायिक कार्यदिवसों के खत्म होते ही जश्न का माहौल,
शानदार सफलता के साथ शो का समापन

भारत के अग्रणी निर्माताओं, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मास्टर शिल्पकारों और कारीगरों के डेको-यूटिलिटी, कार्य उपयोगी, प्रीमियम और सस्टेनेबिलिटी युक्त विविधता वाले उत्पाद स्पेक्ट्रम ने 100 से अधिक देशों के खरीदारों को आकर्षित किया
12 श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किए गए
ग्रेटर नोयडा/ दिल्ली एनसीआर – 20 अक्टूबर 2024 –इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में आयोजित और 16 से 20 अक्टूबर 2024 तक चले 58वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2024 का आज शानदार समापन हो गया। इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ डिजाइन प्रदर्शन के लिए अजय शंकर मेमोरियल अवार्ड्स के साथ यह समापन समारोह आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर सहारनपुर संसदीय क्षेत्र से माननीय सांसद श्री इमरान मसूद ने बतौर “मुख्य अतिथि” शिरकत की। इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) श्री शाहनवाज खान, हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष श्री दिलीप बैद; ईपीसीएच के मुख्य संरक्षक और सलाहकार की भूमिका निभा रहे ईपीसीच के महानिदेशक और अध्यक्ष-आईईएमएल डॉ. राकेश कुमार; आईएचजीएफ दिल्ली मेला स्वागत समिति-ऑटम 2024 के अध्यक्ष श्री गिरीश के. अग्रवाल; ईईपीसीएच उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना; ईपीसीएच के द्वितीय उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता; ईपीसीएच की प्रशासन समित के सदस्य: श्री रवि पासी, श्री अवधेश अग्रवाल, श्री अरशद मीर, श्री नावेद उर रहमान, श्री सलमान आजम, श्री प्रदीप मुछाला, श्री सिमरनदीप सिंह कोहली, श्रीमती जेस्मिना ज़ेलियांग, श्री ओ पी प्रह्लादका; ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर प्रमुख विदेशी खरीदारों के साथ-साथ परिषद के प्रमुख सदस्य निर्यातक भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर 12 श्रेणियों में प्रदर्शन पुरस्कार भी दिए गए।
ईपीसीएच के अध्यक्ष श्री दिलीप बैद ने बताया, “वर्षों से वैश्विक सोर्सिंग समुदाय द्वारा अच्छी तरह से समर्थित, प्रसिद्ध आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 58वें संस्करण का सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस आयोजन में 3,000 प्रदर्शक, क्यूरेटेड डिस्प्ले और विभिन्न सहायक कार्यक्रम शामिल रहे। आयोजन में उत्पादों में सस्टेनेबिलिटी, वैश्विक चिंताओं के प्रति एक साझा सोच और पर्यावरण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता देखकर खरीदार बहुत प्रसन्न दिखे। उन्होंने हमारे प्रदर्शकों द्वारा प्रदर्शित शिल्प, होम डेकोर, फर्नीचर, फर्निशिंग, हस्तनिर्मित कपड़े, पौटपोरी, प्राकृतिक फाइबर उत्पाद, हस्तनिर्मित फैशन आभूषण और एसेसरीज की समकालीन और स्टाइलिश रेंज की सराहना की। सभी आइटम वर्तमान और उभरते अंतरराष्ट्रीय बाजार रुझानों के हिसाब से ही बनाए गए, जिससे उनकी मांग अत्यधिक बढ़ रही है।
ईपीसीएच के महानिदेशक और आईईएमएल के चेयरमैन की भूमिका में मुख्य सलाहकार डॉ. राकेश कुमार ने कहा, “बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों, आयातकों, थोक विक्रेताओं, सोर्सिंग एजेंटों और खुदरा संस्थाओं को आकर्षित करने वाले इस मेले ने अपने शानदार दिनों में पूछताछ, ऑर्डर फाइनल करने और सैंपल कलेक्शन के साथ सभी को व्यस्त रखा है, जिसने इसे और भी खास बना दिया है। इस आयोजन में सोर्सिंग के प्रयासों में तेजी देखी गई और आगंतुकों का लगातार आना-जाना लगा रहा। विभिन्न देशों के अंतरराष्ट्रीय खरीदार, भारत के क्रय एजेंट और प्रमुख घरेलू खुदरा विक्रेता, पूरे भारत से आए हमारे प्रदर्शकों के साथ जुड़ने के लिए मेला मैदान में एकत्र हुए और अपनी खुद की एक विशिष्ट इकाई का प्रदर्शन किया। यह खरीदारों के लिए सबसे अधिक संतुष्टिदायक रहा है। पहली बार आने वाले आगंतुक फिर से आने के लिए उत्सुक हैं। सभी प्रतिभागी बड़ी उत्सुकता के साथ आईएचजीएफ दिल्ली मेले के वसंत 2025 संस्करण का इंतजार कर रहे हैं।”
आईएचजीएफ के संरक्षक के तौर पर इस मेले के पहले संस्करण से ही आपूर्तिकर्ताओं से सोर्सिंग करने वाले, यूनाइटेड किंगडम से आए इयान स्नो ने साझा किया, “मैं मेले में बार-बार आने वाला आगंतुक हूं, हमेशा फर्नीचर और सस्टेनेबल उत्पादों जैसी अनूठी वस्तुओं की तलाश में रहता हूं। जो चीज मुझे आकर्षित करती है वह है यहां पर मिलने वाले उत्पाद जो रचनात्मकता और मौलिकता प्रदर्शित करते हैं। ये हमें कहीं और नहीं मिलती है।” कई बार इस शो में आ चुके जर्मनी के एक खरीदार इंगो विंटरहॉफ ने कहा, “मैं हमेशा विशिष्ट फर्नीचर और यहां पर मिलने वाली प्रेरणा की तलाश में रहता हूं, खासकर वो प्रेरणा जो शीशम और आम की खूबसूरत लकड़ी से तैयार किए गए भारतीय फर्नीचर उत्पादों से मिलती है। मैं इस बार भी कुछ बेहतरीन सौदे करने की संभावना को लेकर उत्साहित हूं!” जर्मनी की एक अन्य खरीदार, मार्टिना मेन्सिंग ने साझा किया, “मैं 10 वर्षों से अधिक समय से मेले का दौरा कर रही हूं, इसलिए मैं लेआउट और पेशकशों से काफी परिचित हूं। मेरा ध्यान डेकोरेटिव गार्डन उत्पादों पर है, जो भारतीय शिल्प कौशल के साथ और भी शानदार बन जाते हैं, यही कारण है कि मैंने विशेष रूप से इस आयोजन को उत्पादों की सोर्सिंग के लिए चुना है; ये उत्पाद हस्तनिर्मित, अद्वितीय और खूबसूरती से तैयार किए गए हैं।”
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने इस अवसर पर बताया, “खरीदारों ने नए आपूर्तिकर्ताओं से नई उत्पाद श्रृंखला और परंपरागत पुराने विक्रेताओं से नवीन पेशकशों की खोज की। कई ऑर्डरों को अंतिम रूप दिया गया, शो के बाद की गतिविधियों में और भी ऑर्डर आने की उम्मीद है। सजावटी साज-सज्जा से लेकर पुनर्निर्मित घरेलू आवश्यक वस्तुओं तक, खरीदार लीक से हटकर बने उत्पादों को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए, ऐसे उत्पादों ने आंगतुंकों में जिज्ञासा भी जगाई। फ़र्नीचर और फर्निशिंग उत्पादों की अत्यधिक मांग बनी रही, होम टेक्सटाइल्स, डेकोर और गार्डन ऑर्नामेंट के एक बार फिर से मजबूत गति पकड़ने की उम्मीद है। मेले में प्रदर्शित भारतीय निर्माताओं की सस्टेनेबल प्रथाओं और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों ने भी आगंतुकों और क्रेताओं का विशेष ध्यान आकर्षित किया।
आईएचजीएफ दिल्ली मेला-शरद ऋतु 2024 के मेला अध्यक्ष श्री गिरीश.के.अग्रवाल ने 58वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले को सफल बनाने के लिए मेला प्रदर्शकों, आगंतुक खरीदारों, सोर्सिंग सलाहकारों और उनके प्रतिनिधियों तथा प्रेस और मीडिया को उनके निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और हमारा मानना ​​है कि अगला संस्करण यानी 16-19 अप्रैल 2025 से आयोजित होने वाला 59वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला-वसंत 2025 भी एक भव्य आयोजन होगा।
आईएचजीएफ दिल्ली मेले के अध्यक्ष ने आगे कहा कि “अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, नीदरलैंड, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, रूस और कई अन्य देशों सहित 108 देशों से लगभग 7,730 खरीदार और खरीद प्रतिनिधि मेले में आए, जिसके परिणामस्वरूप 3,500 करोड़ रुपये की व्यावसायिक इन्क़ुइरेस हुई। होम डिपो, टीजेएक्स, कॉस्मो, बेड बाथ बियॉन्ड, होम सेंटर, मैसन डू मोंडे, एडेलमैन, रॉस, क्स क्स क्स लुट्ज़, होम एंड गार्डन, लोब्लॉ कंपनीज लिमिटेड, एडविलन एसआरओ, स्कैंडिनेवियन स्मारिका, टेरेस एट कूलर्स, इंडीटाइम इम्पोर्ट्स, रेटिफ ग्रुप, वूलवर्थ, ब्रूको, रैप्स.को, पीक्यूसी कंपनी लिमिटेड, मिसावा एंड कंपनी लिमिटेड, अल दीवान सेंटर, शिशी होम ब्यूटी, एल कॉर्टे इंगल्स, मैंगो होम, वर्ल्डवाइड रिप्रोडक्शन और कई अन्य कंपनियों/डिपार्टमेंटल स्टोर्स के खरीद प्रतिनिधि मेले में आए। मेले में सहायक कार्यक्रमों, जिसमें क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विषयों पर ज्ञानवर्धक सेमिनार, रैंप प्रस्तुतियाँ और मेले में ऑन-साइट सुविधाएँ शामिल थीं, ने प्रदर्शकों और खरीदारों दोनों के लिए अनुभव को संतुष्टिदायक बना दिया।” मेले में बड़ी संख्या में घरेलू खरीदारों ने भी भाग लिया।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक, श्री आर. के वर्मा ने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा, “सर्वश्रेष्ठ डिज़ाइन प्रदर्शन के लिए अजय शंकर मेमोरियल पुरस्कार बैग, स्कार्फ, टाई और एसेसरीज सहित 12 उत्पाद श्रेणियों में दिए गए। इनमें लैंप, लाइटिंग और एसेसरीज; बाथरूम एसेसरीज; मोमबत्ती, अगरबत्ती, पौटपोरी और एरोमैटिक्स; क्रिसमस और फेस्टिवल डेकोरेशन्स; कॉरपोरेट उपहार सहित सजावटी उपहार; फैशन ज्वैलरी, कैनवास/कपास/जूट/चमड़े के बैग, स्कार्फ, टाई और एसेसरीज, चिकनकारी और जरदोजी सहित हस्तनिर्मित परिधान और एसेसरीज; हस्तनिर्मित कागज, गिफ्ट रैप और रिबन सहित सॉफ्ट टॉयज; होम टेक्सटाइल्स, फर्निशिंग और फ्लोर कवरिंग; लैंप, लाइटिंग और एसेसरीज श्रेणियों और सरकार की विशेष अनुशंसा पर संगठन टिकाऊ उत्पादों के लिए संगठन को पुरस्कार शामिल हैं। सर्वश्रेष्ठ डिज़ाइन डिस्प्ले के लिए पी एन सूरी मेमोरियल पुरस्कार फर्नीचर, फर्नीचर हार्डवेयर और एसेसरीज जैसे प्राकृतिक फाइबर और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद; हाउसवेयर, टेबल वेयर, किचनवेयर, ईपीएनएस समेत होटल वेयर श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए। विजेताओं की पूरी सूची नीचे संलग्न है। (सूची संलग्न)
ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 32,758 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन डॉलर) रहा।

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