जिसने अपने को वश में कर लिया,उसकी जीत को स्वयं देवता भी हार में नही बदल सकते इंसानों की तो औकात ही क्या है-इंजीनियर लख्मीचंद यादव

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जिसने अपने को वश में कर लिया,उसकी जीत को स्वयं देवता भी हार में नही बदल सकते इंसानों की तो औकात ही क्या है-इंजीनियर लख्मीचंद यादव

देखिए हमने सफर की कहाँ से शुरुआत की थी और आज हम कहाँ पहुच गए है जबकि कितने हजार जलिमो ने, षड्यंत्रकारियों ने हमको कदम-कदम पर रोका कितनो ने हमारे साथ बड़ी-बड़ी साजिशें रची कितनो ने हमारे साथ बड़े-बड़े षड्यंत्र किए और कितनो ने हम पर झूठे संगीन मुकदमे लिखवाए तब भी हमारी गति ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

और देखिए ईश्वर ने आज हमको कहाँ से कहाँ पहुचा दिया है।दोस्तो जब में स्कूल में पढ़ता था तो हर दिन रास्ते मे मंदिर के सामने हाथ जोड़कर में भगवान से ये दो प्रार्थना जरूर करता था कि भगवान आप मुझे सदैव धर्म के मार्ग पर चलाना और आप मेरी शादी होने मत देना क्योंकि मेरे काम बहुत खतरनाक थे मेरी वजह से किसी लड़की का भविष्य अंधकार में ना हो इसलिए में हर रोज ऊपर वाले से ये दो प्रार्थना जरूर करता था।

पर भगवान ने मेरे अच्छे कार्यो को देखकर उन्होंने मेरे अच्छे कर्मों को देखकर मेरी उन्होंने बहुत अच्छे घर से व एक कर्मवीर लंबी तगड़ी सुंदर लड़की से शादी करवा दी हमने कल्पना भी नही की थी की हमारी ऐसी कभी शादी भी होगी लेकिन हमारे अच्छे कार्यो व हमारे अच्छे कर्मो ने हमारी जिंदगी को ही बदल डाला इसलिए जनसेवा के प्रति हर दिन हमारा जुनून बढ़ता गया।

कोई लाख कोशिश करके भी हमारे कार्यो की बराबरी नही कर सकता ये बात हम घमंड में नही हकीकत में कह रहे है ना तो कोई प्रयास करके देख ले।

आने वाले कुछ समय बाद ही भारतीय जनसेवा मिशन के नाम की इस देश मे बहुत भयानक आंधी चलने वाली है तब हर भारतीय गर्व से ये बात कहेगा हम भारतीय जनसेवा मिशन से जुड़े लोग है हम कुछ समय बाद ही ऐसा विराट माहौल बनाने जा रहे है।

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