नगर निगम को मिलने वाली परफॉर्मेंस ग्रांट रोकने की मांग
गाजियाबाद। शनिवार को सिविल सोसाइटी ऑफ गाजियाबाद (कोरवा–यूपी, आर डब्लू ए फेडरेशन, फ्लेट ओनर फेडरेशन, लाइन पार फेडरेशन , ट्रांस हिंडन फेडरेशन) द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। प्रेस वार्ता में गाजियाबाद सिविल सोसाइटी के मुखिया कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने बताया कि 15 वें फाइनेंस कमीशन ने अपनी रिपोर्ट के 7 वें अध्याय में म्युनिसिपालिटीज को करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपए 2022 से 2026 तक के लिए आवंटित किए हैं। जिसका 80% मूल अनुदान कहलाता है जबकि शेष 20% प्रदर्शन अनुदान है। प्रदर्शन अनुदान खातों की नियमित लेखा परीक्षा और “सेवा स्तर के बेंचमार्क” प्रकाशित करने पर मिलता है। प्रदर्शन अनुदान के दावे के लिए नगर निगम द्वारा “सेवा स्तर के बेंचमार्क” के प्रकाशन को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। उन्होंने नगर निगम को हर साल बुनियादी शहरी सेवाओं से संबंधित “सेवा स्तर बेंचमार्क” के मापन और प्रकाशन की कुछ विशेष बिंदुओं पर मांग की है। जिसमें उन्होंने नगर निगम द्वारा जलापूर्ति का कवरेज, शहर में सभी सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों में 24X7 जलापूर्ति सुनिश्चित करना, शहर में कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण प्रमुख है। उन्होंने कहा कि यूएलबी/ नगर निगम या नगर पालिका द्वारा किसी भी समाचार पत्र में “सेवा स्तर बेंचमार्क” प्रकाशित होते नहीं देखा है, जिसमें यह वादा किया गया हो कि वे ये सेवाएँ अवश्य प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही सरकारें केवल अनुदान प्रदान कर सकती हैं जिनका।उयोग इन एजेंसियों को खुद करना होता है लेकिन इसका कितना किर्यान्वयन हो रहा है ये देखना हमारी भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद नगर निगम को हर वर्ष नगर निगम कौन कौन सी सुविधाएं पूर्ण रूप से अपने शहरवासियों को दे रहे हैं और वार्षिक ऑडिटेड एकाउंट्स की जानकारी प्रकाशित करवानी थी लेकिन जब उपरोक्त मानक पूरे किए बिना 2017 से 2022 तक परफॉर्मेंस ग्रांट क्लेम कर लिया गया है यह कहीं न कहीं अनियमितताओं की कर इशारा करता है। उन्होंने गाजियाबाद की सिविल सोसाइटी ने नगर निगम से एकाउंट्स और सुविधाओं की जानकारी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित करवाने की मांग की है। इस मौके पर डॉ आर के आर्या, कैलाश चन्द शर्मा, एम एल वर्मा, राज कुमार त्यागी, संध्या त्यागी व नेम पाल चौधरी आदि मौजूद रहे।