गौतमबुद्ध नगर:-जिले के नोएड़ा सेक्टर 52 बी 57 स्थित अनाया अल्ट्रासाउंड सेंटर का एक पुराना मामला एक बार फिर सामने आया है ,इस सेंटर के द्वारा एक महिला मरीज का अल्ट्रासाउंड किया गया था जहां इस सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार महिला के पेट में पथरी बताई गई लेकिन दूसरी और तीसरी जगह अल्ट्रासाउंड कराया गया वहां महिला मरीज के पेट में पथरी नहीं बताई गई इस कारण महिला के परिजनों ने अनाया डायग्नोस्टिक सेंटर पर फर्जी रिपोर्ट बनाने का आरोप लगाया गया ,पीड़ित के द्वारा कई जगह शिकायतें की गई लेकिन सही से कार्यवाही न होने के कारण पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया अब न्यायालय द्वारा अनाया डायग्नोस्टिक सेंटर पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश हो गया है न्यायालय द्वारा थाना सेक्टर 24 में एफआईआर का आदेश दिया गया है न्यायालय द्वारा हुई कार्यवाही से पीड़ित के अंदर न्याय की उम्मीद जागी है ।
यह था पूरा मामला
मामला नोएडा के सेक्टर 52 स्थित अनाया डायग्नोस्टिक सेंटर का है जहां डॉ शिवानी ने विगत 13 अप्रैल को एक मरीज के अल्ट्रासाउंड किया। अल्ट्रासाउंड में मरीज के गुर्दे में 17.5 एमएम पथरी होने की रिपोर्ट दिया। परिजनों को संदेह हुआ तो उन्होंने नोएडा सेक्टर 61 स्थित डॉ मोनिका के दूसरे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जाकर दोबारा से अल्ट्रासाउंड कराया। तो पता चला की पथरी जैसी कोई बात नहीं है। विश्वास और अविश्वास के बीच झूलता यह परिवार एक बार फिर से 21 अप्रैल 23 को नोएडा सेक्टर 11 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल फिर से अल्ट्रासाउंड कराया। इस बार भी पथरी जैसी कोई रिपोर्ट नहीं आई । अब सवाल उठता है कि अनन्या जिसने 17.5 एमएम पथरी क्यू रिपोर्ट किया। दरअसल अल्ट्रासाउंड डायग्नोसिस सेंटर संगठित अपराध की तरह व्यवहार कर रहे हैं। मरीजों को इस तरह से रिपोर्ट करके उन्हें ऑपरेशन के लिए विवश करते हैं। इसका क्या मतलब निकाला जाए इस रिपोर्ट को आधार बनाकर मरीज के परिजन निर्णय ले लेते तो क्या महिला पीड़ित के साथ सही होता।अनाया सेंटर की गलत रिपोर्ट की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की गई लेकिन शिकायत पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई ।अंत में अर्चना मिश्रा ने न्यायालय में वाद दायर किया ।अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए अनाया डायग्नोस्टिक सेंटर पर मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश थाना सेक्टर 24 को दिया है ।आदेश के बाद अनाया डायग्नोस्टिक सेंटर संचालको में हड़कंप मचा हुआ है ।