साहित्य समाज का दर्पण होता है जिला मंत्री राजेश तिवारी

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साहित्य समाज का दर्पण होता है जिला मंत्री राजेश तिवारी


प्रयागराज। साहित्य समाज का दर्पण होता है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने वरिष्ठ समाजसेवी हरिश्चन्द्र दुबे से उनके निज निवास कटरा-खम्हरिया गैपुरा में कही।स्पष्ट कराते चले वरिष्ठ समाजसेवी श्री दुबे जिला मंत्री के रिश्तेदार हैं एवं हमेशा ही समाजसेवा के साथ ही साथ ईश्वरभक्ति में लीन रहते हैं।जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्यिक शब्द स+हित से बना है अर्थात ऐसे वचन या ऐसे कर्म जिससे जगत के सभी प्राणियों का हित हो तो उस वचन या उस कर्म को साहित्यिक वचन या साहित्यिक कर्म कहते हैं और सत्य एवं न्याय दो ऐसे गुणीय शब्दार्थ हैं जो साहित्यिक शब्द को चार-चाँद लगाते हैं क्योंकि इन गुणीय शब्दों के कर्म से जगत में सभी प्राणियों में खुशबू की एक ऐसी श्रृंखला उत्पन्न होती जो सभी के लिए हितकर होती है।जिला मंत्री ने अपने कलात्मक ज्ञानोद्बोधन में वर्णित किया कि हमारी संस्कृत भाषा साहित्य की मूल धरोहर है क्योंकि हमारी संस्कृत भाषा जगत कल्याण की जननी है।जिला मंत्री ने यह भी कहा कि प्रत्येक मनुष्य को सत्य एवं न्याय रूपी साहित्य को अपने आत्मा में पिरो लेना चाहिए जिससे उसका स्वयं का विकास होगा और साथ ही साथ समाज का भी और इस प्रकार हमारा देश भी वैभवशाली बनेगा।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं०रामशिरोमणि तिवारी एवं वरिष्ठ समाजसेवी पं०शेषमणि शुक्ला ने कहा कि जिला मंत्री अपने साहित्यिक वाणी से कलात्मक वह गुण समाज में विखेरते हैं जो वैज्ञानिक पद्धति पर भी निरन्तर मानव-कल्याणकारी होती है।इस साहित्यिक एवं कलात्मक मानव-कल्याणकारी वचनों के दरमियान वरिष्ठ समाजसेवी एवं संघ खण्ड कार्यवाह मेजा विंध्यवासिनी यादव,शिक्षाविद पं०पारस नाथ पाठक एवं श्रीकान्त पाण्डेय सहित आस-पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

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