अब यूपी के गांव-गांव में 24 घंटे पानी आपूर्ति की तैयारी
- जल जीवन मिशन के तहत सर्वाधिक नल कनेक्शन देने वाली योगी सरकार एक और मिसाल करने जा रही पेश
- पहले चरण में राजधानी लखनऊ के कई गांवों में शुरू किया गया ट्रायल रन, इसके बाद यूपी के सभी जनपदों के गांवों में बढ़ाई जाएगी पानी की आपूर्ति
- सोलर आधारित जलापूर्ति की वजह से ग्रामीणों को मिलने लगा बड़ा लाभ
- सीएम योगी की दृढ़ इच्छाशक्ति से जल जीवन मिशन के तहत ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा यूपी
- विंध्य- बुंदेलखंड के इलाकों को फ़िलहाल सुबह-शाम ही जारी रहेगी आपूर्ति
लखनऊ : देश के सबसे बड़े राज्य में जल जीवन मिशन के तहत सर्वाधिक नल कनेक्शन देने वाले उत्तर प्रदेश के गांवों में अब 24 घंटे पानी आपूर्ति की तैयारी भी शुरू हो गई है। इसके पहले चरण में राजधानी लखनऊ के कई गांवों में ट्रायल रन शुरू किया गया है। जैसे-जैसे यह योजना सफल होती जाएगी, वैसे-वैसे दूसरे चरण में नल से जल के जरिये इसे अन्य जनपदों के गांवों में भी शुरू किया जाएगा। योगी सरकार इसके जरिए यूपी में एक और मिसाल पेश करने जा रही है। जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा। फिलहाल विंध्य-बुंदेलखंड में फिलहाल सुबह-शाम ही आपूर्ति चलती रहेगी। ग्रामीणों को 24 घंटे जलापूर्ति की उपलब्धि को काफी बड़े तौर पर देखा जा रहा है।
इन स्थानों पर 24 घंटे पानी आने को लेकर ट्रायल रन शुरू
ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे जलापूर्ति को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। पहले चरण में फिलहाल लखनऊ व आसपास की चार तहसीलों के कुछ गांवों में ट्रॉयल शुरू किया गया है। यहां सफल होने के पश्चात इसे सूबे के कई जनपदों में शुरू किया जाना है। फिलहाल लखनऊ के समीप मोहनलालगंज तहसील के उदयपुर, भावाखेड़ा, कुबहरा, कुढ़ा, दहियर गांव, मॉल ब्लॉक के शंकरपुर, पाराभदराही गांव, मलिहाबाद तहसील के खड़ता, शेरपुर भौसा गांव और सरोजिनी नगर तहसील के गोदौली गांव में इसे ट्रायल रन के तौर पर शुरू किया गया है।
ट्रायल रन के दौरान किया जा रहा जागरूक, इन पर रखी जा रही नजर
जल जीवन मिशन के तहत 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ट्रायल रन शुरू किया गया है। इसके जरिए कई चीजों पर नजर रखने के साथ ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा है। जहां सोलर पैनल के जरिए पानी आपूर्ति की जा रही है, फिलहाल ट्रायल रन पहले वहीं शुरू किया गया है। ट्रायल रन में नजर रखी जा रही है कि गांवों में एक भी टैब बिना टोटी का न हो (यानी खराब-टूटी टोटी न हो, जिससे पानी बहता रहे)। कहीं भी पाइप लाइन या नल से लीकेज न हो, जिससे पानी की बर्बादी न हो। जल समितियों, एफटीके महिलाओं व एनजीओ के माध्यम से पानी बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसमें प्रधान, जल समिति के सदस्य आदि की प्रमुख भूमिका है। आमजन को बताया जा रहा कि 24 घंटे मिलने वाले शुद्ध पेयजल का इस्तेमाल अन्य कार्यों में न किया जाए।
पानी स्टोरेज की समस्या से मिलेगी निजात
फिलवक्त कई ग्रामीण इलाकों में सुबह और शाम दो-दो घंटे की पानी की आपूर्ति होती है। इससे लोगों को पानी स्टोरेज करना पड़ता था। ऐसे में कई बार ऐसा होता था कि शाम तक पानी फिर आने पर स्टोरेज पानी लोग बहा देते थे, जिससे पानी की बर्बादी होती थी। अब 24 घंटे पानी आने से स्टोरेज की समस्या का समाधान होगा। आमजन जब भी नल खोलेंगे, तब पानी आएगा। लोगों को ताजा व साफ पानी मिलेगा।
वर्जन
नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में नल से जल पहुंचाने का कार्य युध्द स्तर पर किया जा रहा है। 80 फीसदी से अधिक गांवों को योजना से आच्छादित किया जा चुका है। विंध्य-बुंदेलखंड में लगभग सभी गांवों में जलापूर्ति की जा रही है। इसी क्रम में विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 24 घण्टे पानी की सुविधा देने की तरफ बढ़ रहे हैं। सोलर युक्त सभी स्कीमों से ग्रामीणों को 24 घण्टे पानी देने की योजना है। इनके ट्रायल रन फिलहाल शुरू किए जा रहे हैं। कामयाबी के बाद इसका धीरे-धीरे विस्तार करेंगे।