अनियोजित विकास से अयोध्या सरीखी बन रही है रुदौली की सूरत

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अनियोजित विकास से अयोध्या सरीखी बन रही है रुदौली की सूरत

विनियमित क्षेत्र में न अवर अभियंता और न ही लिपिक

अयोध्या : शहर के नियोजित विकास के लिए शासन से गठित विनियमित क्षेत्र रुदौली में स्थाई अवर अभियंता और लिपिक की तैनाती न होने से बिना भवन मानचित्र के शापिंग कांप्लेक्स और भवन का निर्माण हो रहा।अनियोजित निर्माण से शहर के प्रमुख रास्ते गलियां सकरी हो रही है। शहर की सूरत अयोध्या सरीखी होती जा रही है।
नगर पालिका परिषद रुदौली के 36 मोहल्ला समेत आस पास में 24 गांव को शामिल कर वर्ष 1999 में विनियमित क्षेत्र का गठन किया गया था। 24 गांव नगर पालिका परिषद में शामिल हो चुके हैं। पद सृजन के बाद भी अवर अभियंता और लिपिक स्थाई रूप से तैनात नहीं हो सके हैं।विनियमित क्षेत्र गठन के 25 वर्ष के बाद भी विनियमित क्षेत्र रुदौली में विनियमित क्षेत्र बाराबंकी के अवर अभियंता की रुदौली कार्यालय में शुक्रवार को एक दिन की सम्बद्धता है। उपजिलाधिकारी रुदौली कार्यालय के लिपिक को संबद्ध कर कार्य कराया जा रहा है।सप्ताह में एक दिन कार्यालय खुलने से अनियमित निर्माण जोरों पर चल रहा हैं। एक माह से अवर अभियंता बाराबंकी से रुदौली नही आए। शहर के शेखाना निवासी इश्तियाक अहमद एक महीने से चार बार उपजिलाधिकारी रुदौली से मिलकर निर्माण कार्य के नो ड्यूज के लिए मिल चुके है।
मोहल्ला घोसियाना में शापिंग कांप्लेक्स का निर्माण कराने वाले शाह उस्मान तीन माह से कार्यालय का चक्कर लगा कर थक चुके हैं। इसी तरह शहर के ही मोहल्ला भेलसर में अमर सिंह का भवन चित्र चार माह से स्वीकृत नहीं हो सका है। भवन मानचित्र स्वीकृत न होने से सैकड़ो की संख्या में भवन निर्माण बिना स्वीकृत के चल रहा है। दर्जनों पत्रावलियों पर अवर अभियंता और नियत प्राधिकारी उपजिलाधिकारी से स्वीकृति के लिए लंबित है। जिससे नगरीय निकाय क्षेत्र में नियम-कायदों को ताक पर रखकर दर्जनों आवासीय एवं व्यावसायिक भवन निर्माण कार्य बिना परमिशन व नक्शा स्वीकृत कराए हो रहा है। एसडीएम रुदौली प्रवीण यादव का कहना है कि विनिमय क्षेत्र में स्थाई अवर अभियंता और लिपिक न होने से मानचित्र स्वीकृति के कार्य में तेजी नहीं आ रही। विनियमित क्षेत्र बाराबंकी से संबद्ध अवर अभियंता बीते कई सप्ताह से नहीं आए। जिससे मानचित्र का कार्य ठप है।

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