पति के हाथ से जल ग्रहण कर सुहागानों ने खोला करवा चौथ का व्रत
धूमधाम से बनाया गया करवा चौथ
रामपुर अवनीत कुमार शर्मा
रामपुर । करवा चौथ कार्तिक महीने में पूर्णिमा के चौथे दिन मनाया जाने वाला त्यौहार है करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं अपने पति की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं। करवा चौथ का व्रत पारंपरिक रूप से पूरे भारत में इस त्यौहार को महिलाएं बड़े खुशी से बनती हैं अपने पति की उम्र को लेकर भगवान से प्रार्थना करती हैं। भारतीय संस्कृति हिंदू सनातन की परंपरा करवा चौथ बड़ी महानता है।मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस बार करवा चौथ 20 अक्टूबर 2024 को मनाया गया सुहागिन महिलाओं ने कई दिन पहले से ही करवा चौथ की तैयारी शुरू कर दी थी जिसमें सिंगर गहने और पूजा के सामान की खरीदारी की इतवार की सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला अप बस किया पहले हाथ में गंगाजल लेकर भगवान का ध्यान किया फिर जल को किसी गमले में डाल दिया कई स्थानों पर पीली मिट्टी से माता गौरी की चित्र बनाकर लाल चुन्नी बिंदी सुहाग सामग्री रोली चंदन अक्षत पुष्प अर्पित किया गया जिसमें माता का भोग टोरिया से जमाया गया और हलवे का भोग लगाया गया किसी ने मीठे का भोग लगाया गया इसके बाद दोपहर के समय करवा चौथ के व्रत की कथा सुनी गई रात को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अघ्र्य कल पति की लंबी उम्र की कामना करने का संकल्प लिया इसके बाद चन्नी लेकर चंद्र दर्शन किया । इस चन्नी से अपने पति को देखा आखिर में पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोला गया पति के पैर छूकर आशीर्वाद भी प्राप्त किया।