जिला गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में नहीं है सरकारी अस्पताल बीमार लोगों को रुख करना पड़ता है राजधानी दिल्ली के अस्पतालों के लिए

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जिला गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में नहीं है सरकारी अस्पताल बीमार लोगों को रुख करना पड़ता है राजधानी दिल्ली के अस्पतालों के लिए

ट्रांस हिंडन की विधानसभा क्षेत्र में कड़कड़ मॉडल स्थित है साहिबाबाद विधानसभा का कोई भी क्षेत्र हो यहां पर सरकारी अस्पताल की मांग को लेकर यहां के निवासी कई वर्षों से मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस क्षेत्र में सरकारी अस्पताल नहीं बनाया गया इसे लेकर वार्ड 43 कड़कड़ मॉडल के स्थानीय निवासी समाजसेवी अरुण तोमर ने सोशल मीडिया X पर टयूट किया है अरुण तोमर ने बताया उनका भाई सुशील कुमार माता प्रेमवती देवी दोनों ही हार्ड के मरीज हैं साहिबाबाद विधानसभा में कोई भी सरकारी अस्पताल नहीं होने से इमरजेंसी में यहां के निवासियों को राजधानी दिल्ली का ही रुख करना पड़ता है ऐसी स्थिति शनिवार के दिन देर रात 2 बजे तोमर के साथ बन गई जब उनके बड़े भाई को सांस लेने में दिक्कत होने के कारण अस्पताल लेकर जाना पड़ा वे जल्द ही दिल्ली के सरकारी अस्पताल भागे लेकिन आधी रात को दिल्ली के लोकनायक अस्पताल से लौटा दिया गया जबकि सुशील का इलाज दिल्ली LNJP अस्पताल से लंबे समय से चल रहा था इसके बाद मजबूरन दूसरे अस्पताल दिल्ली राम मनोहर लोहिया पहुंचे यहां पर भी उन्हें आधा अधूरा ट्रीटमेंट देकर वापस लौटा दिया उनका कहना है कि अंत में उन्हें घर लौटना पड़ा जैसे-जैसे समय बीतता गया बड़े भाई की तबीयत अधिक बिगड़ने लगी लगभग श्याम 6 बजे मजबूरन अरुण बड़े भाई को लेकर दिल्ली हेड गवार हॉस्पिटल लेकर पहुंचे वहां पर भी उन्हें उपचार नहीं मिला वहां से भी उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ा मजबूरन तोमर ने बताया बड़े भाई को लेकर मेरठ मेडिकल अस्पताल में उपचार के लिए ले जाना पड़ा यहां पर डॉक्टर के द्वारा उपचार चल रहा है अगर साहिबाबाद विधानसभा में ही सरकारी अस्पताल होता तो उन्हें बार-बार दिल्ली के अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ता लगभग 20 लाख से भी अधिक की आबादी वाले इलाके में एक सरकारी अस्पताल बनाया गया है यहां के निवासियों को अधिक धन खर्च कर उपचार के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है कुछ लोग उपचार के समय रास्ते में ले जाते समय ही तोड़ देते हैं

कडकड माडल निवासि का कहना है मेरा उपचार दिल्ली जीबी पंत से चल रहा है वहां पर मरीजो की सुनवाई कम और भटकना अधिक पड़ता है मैं लंबे समय से हार्ड की बीमारी से ग्रस्त हूं साहिबाबाद विधानसभा में अस्पताल न होने से मजबूरी में प्राइवेट या राजधानी दिल्ली की तरफ उपचार के लिए रुख करना पड़ता है

महेश चौहान

साहिबाबाद विधानसभा में सरकारी अस्पताल न होने से यहां की 19 से 20 लाख से भी अधिक की आबादी पर 24 घंटे संकट छाया रहता है मेरे घर में दो-दो हार्ड पेशेंट है मैं स्वयं अस्पताल न होने का खामियाजा भुगत रहा हूं अधिक धन खर्च कर मुझे इधर-उधर अस्पताल में जाना पड़ रहा है बीमारी के साथ-साथ काम धंधे से भी वंचित रहना पड़ रहा है आर्थिक तंगी से भी जूझना पड़ रहा है मैं दो-दो हार्ड पेशेंट को कभी माता जी को तो कभी बड़े भाई को हॉस्पिटलों में ले जाने के लिए मजबूर हूं साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो हॉस्पिटल एम्स बनाने की घोषणा की है वसुंधरा मे उस पर तत्काल प्रभाव से कार्य शुरू होना हो जाए तब यहां की जनता को जल्द ही राहत की सांस मिलने की उम्मीद है योगी आदित्यनाथ से एवं यहां के जनप्रतिनिधियों से उम्मीद करता हूं क्षेत्र में जल्द से जल्द अस्पताल बनवाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे समाजसेवी अरुण तोमर एक दिव्यांग व्यक्ति हैं जो कि अपने परिजनों को लेकर इधर-उधर उपचार के लिए भटक रहे हैं

सूत्रों के हवाले से जानकारी प्राप्त हुई है तोमर एक निहायती ईमानदार व्यक्ति है

समाजसेवी अरुण तोमर

वार्ड 43 कड़कड़ मॉडल

कड़कड़ मॉडल वार्ड 43 के स्थानीय निवासी ने बताया मुझे भी कई वर्षों से शुगर बीपी की शिकायत बनी हुई है लेकिन मजबूरन या तो प्राइवेट उपचार करना पड़ता है या फिर दिल्ली राजधानी में उपचार के लिए जाना पड़ता है

अशोक राणा

सरदार वल्लभभाई पटेल मेडिकल कॉलेज मेरठ हॉस्पिटल में सुशील कुमार का उपचार चल रहा है

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल आधा अधूरा उपचार देकर घर लौट जाने के लिए कहा गरीबों के साथ सरकारी अस्पतालों में भी उपचार नहीं मिल रहा है रेफर के लिए एक दूसरे पर टाल देते हैं एडमिट करने से मना कर दिया

दिल्ली के हेड गवार में किसी प्रकार का उपचार नहीं मिला एक इंजेक्शन लगाकर घर लौटा दिया समय लगभग 7 से 8:00 बजे रात्रि

प्रेमवती देवी का उपचार दिल्ली के जीबी पंत हॉस्पिटल से लगभग 4 वर्ष से अधिक समय से चल रहा है उनका कहना है पंथ में आए दिन सिक्योरिटी गार्ड्स की मनमानी से आम जनता काफी हताहत है सिक्योरिटी गार्ड्स पीड़ितों के साथ अभद्रता करते हैं एवं मार पिटाई पर उतारू हो जाते हैं शिकायत करने पर मैनेजमेंट कार्यवाही नहीं करते अगर साहिबाबाद क्षेत्र में अस्पताल की सुविधा उपलब्ध हो जाए तब यहां के निवासियों को अन्य क्षेत्रों में भटकना नहीं होगा और उपचार अपने नजदीक उपलब्ध हो पाएगा लोगों को अधिक धन खर्च कर इधर-उधर उपचार कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं सरकार को अस्पताल बनवाने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करने के आदेश करने चाहिए

 

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