जीवित कछुओ की तस्करी कर बेचने वाले दो गिरफ्तार।

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जीवित कछुओ की तस्करी कर बेचने वाले दो गिरफ्तार।

गौतमबुद्धनगर। अंतर्गत थाना फेस 1 पुलिस द्वारा जीवित कछुओ की तस्करी कर बेचने वाली 02 अभियुक्ता गिरफ्तार, कब्जे से 14 जीवित कछुए बरामद।
थाना फेस 1 पुलिस व वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारीगण के संयुक्त प्रयास से जीवित कछुओ की तस्करी करने वाली 02 अभियुक्ता 1. कमलेश उर्फ कन्नर पत्नी स्व. सरन 2. ज्योति पत्नी स्व. सुनील को जे जे कालोनी ए ब्लाक सै0 10 नोएडा से गिरफ्तार किया गया है। जिनके कब्जे से 14 जीवित कछुए बरामद किये गये। जिसके सम्बन्ध में थाना फेस 1 नोएडा पर मु0अ0सं0 474/24 धारा 9/39/49/48ए वन्य जीव संरक्षण अधि0 1972 पंजीकृत किया गया है।
बरामद शुदा कछुए Indian flapshell turtle प्रजाति के है जिनका वैज्ञानिक नाम Lissemys punctata है। उपरोक्त प्रजाति वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अन्तर्गत अनुसूची प्रथम में संरक्षित प्रजाति एवं अनुसूची दो में शासकीय सम्पत्ति के रूप में चिन्हित है। जिसका खरीदना- बेचना, परिवहन करना अथवा शिकार करना पूर्णतः वर्जित है।
अभियुक्तगण से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि दिवाली के पर्व पर कुछ लोग कछुए को खरीदना शुभ मानते हैं जिनको कछुए उचे दामो में बेच कर ये लोग लाभ कमाते है तथा ये लोग इन जीवित कछुए को मीट के लिये भी बेचते हैं। इन्हे जैसा ग्राहक मिल जाता है ये उसी तरह कछुए को बेच देते हैं। ये दोनो अभियुक्ता मां-बेटी हैं इनके पतियो का स्वर्गवास हो चुका है कछुओ को पकड़कर यहां लाकर सैक्टर 10 व आस पास के रिहायशी इलाको मे रहने वाले लोगो को अच्छे दामो पर बेच देते है। पुलिस के साथ मे मौजूद वन विभाग के वन उपनिरीक्षक द्वारा बताया गया कि यह देशी कछुआ है जो वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार प्रथम अनुसूची मे दर्शाये गये है जो राज्यकीय सम्पत्ति में चिन्हित है इन कछुओ को शिकार के लिए पकड़ना, बेचना एवं बेचने के उद्दैश्य से परिवहन करना दण्डनीय अपराध है। वन विभाग के वन उपनिरीक्षक द्वारा यह भी बताया गया कि बरामद शुदा कछुओ का वैटनरी ट्रीटमेन्ट कराने के बाद प्राकृतिक गंगनहर में छोड़ा जायेगा।

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