जनपद के कृषकों को उनकी जोत-बही /खतौनी एवं फसल संस्तुतियों के आधार पर कराया जाये शत् प्रतिशत उर्वरकों का वितरण

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जनपद के कृषकों को उनकी जोत-बही /खतौनी एवं फसल संस्तुतियों के आधार पर कराया जाये शत् प्रतिशत उर्वरकों का वितरण

उर्वरकों के अवैध परिसंचालन में संलिप्त पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश/अधिनियमों की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत की जाये कड़ी कार्यवाही
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गौतमबुद्धनगर : जनपद के कृषकों को रबी सीजन में उनकी जोत-बही /खतौनी एवं फसल संस्तुतियों के आधार पर उर्वरक उपलब्ध कराने उद्देश्य से जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर मनीष कुमार वर्मा ने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद के बाहर के कृषकों को अधिक मात्रा में उर्वरकों की बिक्री करने वाले उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध जांच की जाये। उन्होंने कहा कि जनपद में स्थित बिक्री केन्द्रों से उर्वरकों की बिक्री थोक/खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के द्वारा अन्य जनपदों के किसानों को न की जाएं तथा कृषकों को उनकी जोत-बही/खतौनी एवं फसल संस्तुतियों के आधार पर ही उर्वरकों की बिक्री सुनिश्चित की जाये।
उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद के बाहर उर्वरकों के यातायात पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सीमा की चोकियों को सतर्क दृष्टि रखने हेतु निर्देशित किया जाये। कृषि, पुलिस तथा सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के सचल दल गठित कर सतत निरीक्षण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये और अवैध कार्यो में लिप्त पाए गए व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कठोर विधिक कार्यवाही भी की जाए। पुलिस की सहायता से आवश्यकतानुसार जनपदीय सीमाओं पर सतर्क दृष्टि रखी जाए एवं उर्वरकों के अवैध परिसंचालन में संलिप्त पाये जाने वाले असामाजिक तम्वों के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश/अधिनियमों की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद के बाहर कृषकों को उर्वरक बिक्री जोत-बही/खतौनी एवं फसल संस्तुतियों के संस्तुत मात्रा से अधिक मात्रा में उर्वरकों की बिक्री करने वाले उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध जांच कर उर्वरक(अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित)(नियंत्रण) आदेश 1985, आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 एवं उर्वरक परिसंचलन(नियंत्रण) आदेश 1973 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जाए। प्रत्येक माह उर्वरकों(यूरिया, डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0) के टाॅप-20 विक्रेताओं की नियमित समीक्षा कर यह देखा जाए कि क्या सीमावर्ती राज्यों के कृषक को बिक्री हुई है। यह भी देखा जाए कि बिना जोत-बही/खतौनी फुटकर उर्वरक विक्रेताओं से अधिक मात्रा में यूरिया/डी0ए0पी0 एवं उर्वरक प्राप्त कर उसका अवैध हस्तान्तरण नहीं किया गया हो। ऐेसी स्थिति पाये जाने पर सम्बन्धित फुटकर उर्वरक विक्रेताओं और संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध अधिनियम की सुसंगत धाराओं में कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जाए। जनपद स्तर पर फसलों के आच्छादन के अनुरूप उर्वरकों की मांग का आकंलन कर लिया जाए यदि मांग के पैटर्न के सापेक्ष असामान्य बिक्री प्रदर्शित हो तो संदेह की दशा में सीमावर्ती उर्वरक बिक्री केन्द्रों द्वारा बिक्रीत उर्वरकों की टीम गठित करते हुए सत्यापन कराया जाए तथा अनियमितता पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारी को यह भी निर्देशित किया कि उक्त निर्देशों का प्रत्येक स्तर पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

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