पीलीभीत में बाढ़ में फंसे 7 लोगों को किया गया एयरलिफ्ट, मवेशियों को भी बचाया गया
- – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की कर रहे मॉनीटरिंग
- – अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दे रहे आवश्यक दिशा निर्देश
- – बाढ़ से प्रभावित प्रदेश के 10 जिलों में युद्धस्तर पर चल रहे राहत कार्य
- – एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और एसएसबी की टीम राहत कार्यों को दे रही अंजाम
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की माॅनीटरिंग कर रहे हैं। इस दौरान वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारियों और राहत विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं, जिससे राहत कार्यों में कोई कमी न रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनीटरिंग का ही असर है कि मंगलवार को पीलीभीत में बाढ़ में फंसे 7 लोगों को एयरफोर्स टीम द्वारा एयरलिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया। इस दौरान मवेशियों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। वर्तमान में नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद छोड़े गये पानी और उत्तराखंड से आए पानी से प्रदेश के 10 जिले प्रभावित हैं। यहां पर युद्धस्तर पर राहत कार्य किये जा रहे हैं। सीएम योगी के निर्देश पर क्षतिग्रस्त फसलों का भी सर्वे कराया जा रहा है।
पीलीभीत में एयरलिफ्ट कर 7 लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया
राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि पीलीभीत में बाढ़ से 5 तहसील के 252 गांव प्रभावित हैं। यहां पानी का स्तर घट रहा है। राज्य इमरजेंसी सेंटर को सूचना मिली कि पीलीभीत के ग्राम बिनौरा में कुछ लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। इस पर जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। इसके बाद बाढ़ में फंसे 7 लोगों को एयरलिफ्ट ऑपरेशन के माध्यम से सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। एयरलिफ्ट ऑपरेशन के जरिये रामआसरे, मुजफ्फर, सहबर, साहिल, रेबान, क्षत्रपाल और जागेश्वर को सुरक्षित बचाया गया। इसके अलावा बाढ़ में फंसे अन्य 7365 लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इस दौरान मवेशियों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। यहां पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की एक-एक टीम और पीएसी की 2 टीम तैनात है। इसके अलावा एसएसबी की एक टीम द्वारा रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है। यहां पर राहत कार्यों में 37 नाव लगी हैं। 23 शरणालय स्थापित किये गये हैं, जिनमें 261 लोग रह रहे हैं। सभी को कम्युनिटी किचन के माध्यम से खाना खिलाया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित गांवों में 3130 लंच पैकेट वितरित किये गये। इसी तरह लखीमपुर खीरी की 5 तहसील के 41 गांव प्रभावित है। यहां पर एनडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिये 221 लाेगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इसके अलावा निघासन के ग्राम मुर्गाहा में फंसे 12 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। गाेंडा में बाढ़ से 3 गांव की फसल प्रभावित हुई है। यहां पर क्षतिग्रस्त फसल का सर्वे कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करा दी गयी है। बलरामपुर की 3 तहसील के 20 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। फिलहाल यहां पर स्थिति सामान्य है। राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम तैनात है।
शाहजहांपुर के 42 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
श्रावस्ती में 2 तहसील के 82 गांव प्रभावित हैं। यहां पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम राहत कार्यों में लगी हुई है। फिलहाल स्थिति अभी सामान्य है। कुशीनगर की 2 तहसील के 16 गांव प्रभावित हैं। यहां पर राहत कार्यों में एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम तैनात है। फिलहाल स्थिति बेहतर है। कम्युनिटी किचन के माध्यम से लोगों को पौष्टिक भोजन खिलाया जा रहा है। सिद्धार्थनगर की तहसील शोहरतगढ़ के एक गांव की फसल प्रभावित है। यहां क्षतिग्रस्त फसल की सर्वे रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी है। बस्ती में तहसील हरैया का एक गांव प्रभावित है। इससे 35 परिवार के 150 लोग प्रभावित हैं। ऐसे में ग्रामीणों के आवागमन के लिए 4 नाव लगा दी गयी है। इसी तरह शाहजहांपुर की एक तहसील के एक गांव की फसल प्रभावित हुई। यहां पर क्षतिग्रस्त फसल का सर्वे किया जा रहा है। यहां पर 8 परिवार के 42 लोग बाढ़ में फंसे थे। सभी को नाव द्वारा सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। सभी को पंचायत भवन परचड़ में सुरक्षित रखा गया है। यहां खाने की भी व्यवस्था की जा रही है।