यूपी न्यूज एक्सप्रेस वरिष्ठ संवाददाता आर एन तिवारी के द्वारा खबर प्रकाशित होते ही तिलमिलाते हुए सचिव के गले की हड्डी बन चुकी पंचायत सहायक हुई बर्खास्त

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यूपी न्यूज एक्सप्रेस वरिष्ठ संवाददाता आर एन तिवारी के द्वारा खबर प्रकाशित होते ही तिलमिलाते हुए सचिव के गले की हड्डी बन चुकी पंचायत सहायक हुई बर्खास्त


रामानन्द तिवारी/यूपी न्यूज एक्सप्रेस
बस्ती दुबौलिया

यूपी न्यूज एक्सप्रेस खबर को जांच पड़ताल करके जोर-शोर से मैटर को अपने कब्जे में करते हुए वरिष्ठ संवाददाता रामानन्द तिवारी ने खबर को प्रकाशित किया और उच्च अधिकारी लोग संज्ञान में लेते हुए किया कर्मचारी को बर्खास्त

शासनादेश के विरुद्ध नियुक्त पंचायत सहायक की सचिव ने की थी नियुक्ति प्रधान की सगी बहन मधु मिश्र है रामनगर की पंचायत सहायक चर्चा में फिर दुबौलिया ब्लाक दुबौलिया,बस्ती विकास खण्ड दुबौलिया के ग्रामपंचायत रामनगर में प्रधान,सचिव और जेई ससुर की तिकड़ी ने शासनादेश के विरुद्ध जाकर मनमाने तरीके से पंचायत सहायक की नियुक्ति कर दी और बकायदे मानदेय भी दे दिया। गांव के हरिशंकर पाण्डेय द्वारा जिलाधिकारी से शासनादेश के विरुद्ध पंचायत सहायक की फर्जी नियुक्ति की शिकायत की गई थी,फर्जी नियुक्ति का मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा और मामला तूल पकड़ा तो आनन फानन में सचिव ने पंचायत सहायक को उनके पद से हटा दिया।
बताते चले कि रामनगर ग्राम पंचायत की प्रधान ज्योति पांडेय की सगी बहन मधु मिश्र जो आपस में सगी देवरानी जेठानी है,को उनके ससुर बृजकिशोर पाण्डेय जो संविदा जेई के पद पर अपने स्थानीय ब्लाक दुबौलिया में दसको से तैनात है,उनके प्रभाव और रसूख के चलते ग्रामपंचायत रामनगर के सचिव विनय शुक्ल ने शासनादेश के विरुद्ध जाकर फर्जी नियुक्ति कर दी और छः महीने का मानदेय का बकायदा भुगतान भी पंचायत सहायक को कर दिया। सचिव विनय शुक्ला के मनमाने रवैए का आलम यह है की फर्जी नियुक्ति की लिखित शिकायत गांव के ही बबिता पांडेय ने ग्राम विकास अधिकारी विनय शुक्ल और जिला पंचायत राज अधिकारी बस्ती से की थी,अपनी शिकायत में उन्होंने बताया था की उनकी बेटी श्वेता पांडेय मेरिट में 89.2 प्रतिशत अंक के साथ प्रथम स्थान प्राप्त है,इसके बावजूद ग्रामप्रधान ज्योति पांडेय की सगी बहन मधु मिश्र के आवेदन के कारण प्रशासनिक समिति मनमानी ढंग से 63 प्रतिशत अंक पाने वाले अन्य आवेदक को कर दिया गया था, जो शिकायत पर नियुक्ति रोक दी गई थी और बाद में बबिता पांडेय की पुत्री श्वेता पांडेय का चयन पोस्ट आफिस में हो गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया, समय बीता तो मौका देख संविदा जेई बृजकिशोर पाण्डेय और सचिव विनय शुक्ल की दुरभी संधि ने शासनादेश के विरुद्ध जाकर बबिता पांडेय की शिकायत के बावजूद प्रधान की सगी बहन मधु मिश्र का चयन पंचायत सहायक के रूप में कर दिया और छः महीने मानदेय का भुगतान भी कर दिया जो बाद में सचिव विनय शुक्ल के गले की फांस बन गई,और उच्चाधिकारियों के द्वारा फटकारे जाने पर सचिव विनय शुक्ला ने बैठक कर पंचायत सहायक को बर्खास्त कर दिया।
अब सवाल यह उठता है की गांव की बबिता पांडेय के द्वारा शिकायत में यह जिक्र करने के बाद भी कि मधु मिश्र प्रधान ज्योति पांडेय की सगी बहन और आपस में देवरानी और जेठानी भी है के बावजूद भी सभी नियमों को ताक पर रख के पहले तो नियुक्ति की जाती है और बकायदा मानदेय भी दिया जाता है और जब सचिव साहब का अपना गला फंसता है तो खुद ही की गई नियुक्ति को फर्जी नियुक्ति बता कर संबंधित पंचायत सहायक को उसके पद से बर्खास्त भी कर दिया जाता है, येसे में सचिव ने पंचायत सहायक पर कार्यवाही कर यह बात स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने जो नियुक्ति की थी वो नियम विरुद्ध थी,और यदि नियुक्ति नियम विरुद्ध थी तो सरकारी धन का बंदरबांट कर मानदेय क्यू दिया,अब सवाल यह है कि सरकारी धन का बंदरबांट की रिकवरी और अपने पद का दुरुपयोग करने वाले संबंधित सचिव विनय शुक्ल पर जिले के आला अधिकारी कब कार्यवाही करते है। इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी दुबौलिया संदीप कुमार सिंह ने दूरभाष पर बताया की पंचायत सहायक को लिखा पढ़ी में निकाल दिया गया है,रही बात मानदेय भुगतान की तो वह नियम विरुद्ध है,कार्यवाही होगी।

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