अयोध्या।आज पूरे देश में बजरंगबली का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है।रामनगरी अयोध्या में बजरंगबली राजा के रूप में विराजमान हैं।ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्रीराम के आदेश पर आज भी बजरंगबली अयोध्या का कार्यभार संभालते हैं।राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर है।इसे बजरंगबली का घर माना जाता है।यहां पर बजरंगबली मां अंजनी की गोद में विराजमान हैं।
हनुमान गढ़ी मंदिर में रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए आते हैं।लगभग 76 सीढ़ी चढ़ने के बाद बजरंगबली के बाल रूप का दर्शन पाते हैं।मान्यता यह भी है कि प्रभु श्रीराम के दर्शन से पहले बजरंगबली का दर्शन करना चाहिए। हनुमान गढ़ी प्राचीन मंदिर का निर्माण भी अवध के नवाब ने कराया था।आज बजरंगबली जन्मदिन है और हनुमान गढ़ी में भोर से ही लाखों की संख्या में कतार में श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं।
आस्था है कि जब प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर रामनगरी अयोध्या लौटे थे तो उसके बाद अपने परमधाम को जाने लगे तो बजरंगबली को रामनगरी अयोध्या का राजा बना दिया।बजरंगबली को राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर निवास मिला। 17वीं सदी में हनुमान गढ़ी मंदिर टीले पर पेड़ के नीचे विराजमान था और उस समय यह क्षेत्र अवध के नवाबों के क्षेत्र में आता था।आज से लगभग 300 साल पहले नवाब सिराजुद्दौला ने इस मंदिर को भव्य रूप में स्थापित कराया था।
हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास बताते हैं कि उस समय नवाब सिराजुद्दौला के पुत्र को कोई बीमारी हो गई थी, जिसके बाद हनुमान गढ़ी में उस समय पूजा आराधना करने वाले अभय रामदास के पास आए और तब अभय रामदास ने उनको बजरंगबली जी का दर्शन करने को कहा।इसके बाद नवाब के पुत्र स्वस्थ हो गए।अभय रामदास के आग्रह पर नवाब ने इस मंदिर का निर्माण कराया।