क्लासरूम टीचिंग का विकल्प नहीं हो सकती आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

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कृत्रिम मेधा एवं समय प्रबंधन पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

आगरा कॉलेज, जंतु विज्ञान विभाग द्वारा कृत्रिम मेधा एवं समय प्रबंधन पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन‌ किया, जिसका शुभारंभ कालेज प्राचार्य प्रो आरके श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलन कर किया।

इस अवसर पर बोलते हुए प्राचार्य प्रो आरके श्रीवास्तव ने कहा कि क्लासरूम टीचिंग का आज भी कोई विकल्प नहीं है, यहां तक कि कृत्रिम मेधा भी नहीं।

मुख्य अतिथि प्रो मीरा सिंह ने कहा कि समय का प्रबंधन करते हुए कृत्रिम मेधा का उपयोग करेंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे, साथ ही कृत्रिम मेधा का मानव पर हावी होने का खतरा भी नहीं रहेगा।

जीएलए विश्वविद्यालय के योगेश सिंह सर्वेदिया एवं विजय माथुर ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कृत्रिम मेधा के द्वारा आने वाले समय की चुनौतियां के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही नई तकनीकी के प्रयोग को समय प्रबंधन के साथ उचित प्रकार से प्रयोग करने पर बल दिया।

विभागाध्यक्ष प्रो अमिता सरकार ने सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। संचालन डॉ सत्यदेव शर्मा ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन प्रो गीता माहेश्वरी ने किया।

सेमिनार में एमएससी अंतिम वर्ष के छात्रों को योग्यता सूची के आधार पर पुरस्कार प्रदान किए। पल्लवी को सुधी सिंह पुरस्कार, आयुष अग्रवाल को माँ शारदेय पुरस्कार, शिवम यादव को माँ वागीशा पुरस्कार तथा रुक्मणी, शुभि गुप्ता एवं लक्ष्मी को माँ वाग्देवी प्रमाण पत्र प्रदान किए। वहीं अंजलि वर्मा को पंडित गंगाधर शास्त्री पुरस्कार दिया गया।

प्रो रचना सिंह, प्रो संचिता, प्रो सुमन कपूर, प्रो विश्वकांत गुप्ता, प्रो डीपी सिंह, प्रो अमित अग्रवाल, डा उमेश शुक्ल, डा केशव सिंह, डॉ आनंद प्रताप सिंह, डॉ जीनेश कुमार सिंह, डॉ अचिंत वर्मा, डा शिवकुमार सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

 

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