आगरा- अभिभावक संस्था प्रोग्रेशिव एशोसिएशन ऑफ पेरेंट्स टीम पापा के संरक्षक संस्थापक मनोज शर्मा के नेतृत्व में, विद्यालयों में कमीशन खोरी बंद करने के लिये एक ज्ञापन आगरा जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी, के नाम अपर जिलाधकारी नगर को दिया,
ज्ञापन में कहा गया, कि सरकारी गजट, उत्तर प्रदेश,
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा, असाधारण, विधायी परिशिष्ट भाग -1 खण्ड (क) (उत्तर प्रदेश अधिनियम) लखनऊ बुधवार 12 सितंबर 2018, उत्तर प्रदेश शासन विधायी अनुभाग – 1 संख्या 1891/89-वि-1-18-1(क)-10-18, लखनऊ 12 सितंबर 2018, अधिसूचना विविध अनुसार के तहत,
माँग करते हुऐ कहा कि निजी विद्यालयों के द्वारा हर वर्ष कमीशन खोरी के चलते लाभांतित होने के लिए ही जानबूझकर ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया जाता है जो खुले बाजार में उपलब्ध न हो, जानभुझ कर ही ऐसे विद्यालय के परिधान तय किये जाते है, जो खुले बाजार में उपलब्ध न हों,
कुछ विद्यालय तो ऐसे हैं, उन्होंने अपने विद्यालय में जूता भी ब्रांडेड किया हुआ है किंतु हेरत की बात यह है उस आर्टीकल नंबर के जूते भी विद्यालय की निश्चित दुकान पर ही मिलते है,
विद्यालय हर वर्ष पाठ्यक्रम में बदलाव कर देते हैं,
परिधान में भी बदलाव होता है,
कुछ विद्यालय में जूते एक वर्ष लैस वाले व एक वर्ष वेलगरो वाले कमीशनखोरी तहत लागू किये जाते है,
सरकार का उक्त गजट विद्यालयों को उनकी इस तरह की मनमानी से रोकने के लिए बनाया गया था, पर शिक्षा विभाग उस पर अमल करवाने में कभी गम्भीर नही दिखा,
महोदय गजट के पन्ना नम्बर 5, के अध्याय 2 की बिंदु संख्या 10 के अनुसार, कि किसी छात्र को पुस्तकें जूते मौजे व यूनिफ़ॉर्म आदि किसी विशिष्ट दुकान से क्रय करने के लिये बाध्य नही किया जायेगा ।
व
बिंदु सँख्या 11 के अनुसार, कि विद्यालय द्वारा निरंतर पाँच शैक्षिक वर्ष के भीतर विद्यालय पोशाक में परिवर्तन नही किया जायेगा, यदि परिवर्तन अपेक्षित हो तो इसमें परिवर्तन जनपदीय शुल्क नियामक समिति के पूर्व अनुमोदन से समुचित औचित्य के साथ किया जा सकता है ।
टीम पापा का कहना है, सरकार के आदेशो का पालन अधिकांस विद्यालयों द्वारा नही किया जाता है, टीम पापा के द्वारा कॅरोना काल में एक बुक बैंक, इस उद्देश्य के साथ खोली गई थी जिससे छात्रों की किताबो को एक दूसरे से बदल कर अभिभवकों का आर्थिक बोझ कम किया जा सकें उस वर्ष विद्यालयों का पाठ्यक्रम न बदलने के चलते अनेको अभिभावको ने बुक बैंक का लाभ लिया था, किंतु अगले ही वर्ष विद्यालयों ने कमीशन लाभ हेतु अपने पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर के हमारी बुक बैंक को निष्क्रिय होने के लिए मजबूर कर दिया ।
टीम पापा ने जिलाधकारी से मांग करते हुऐ कहा है, कि सरकार के बनाये नियमो के अनुसार बिंदु सँख्या 10 व 11 के आदेश को सभी विद्यालयों में कढ़ाई से पालन जाये,
टीम पापा के संस्थापक मनोज शर्मा ने जिलाधिकारी को ज्ञापन के मार्फ़त अवगत करवाते हुये कहा, कि संस्था ज्ञापन जनवरी के दूसरे सप्ताह में इस माँग उद्देश्य के साथ दे रही हैं, कि विद्यालयों को आपके द्वारा तत्काल चेतावनी पत्र जारी कर सरकार के आदेशों से अवगत करवाते हुये उन्हें कढ़ाई से पालन करवाने के लिए आदेशित किया जाये, जिससे विद्यालयों के आने वाले सत्र में कमीशन खोरी के तहत अभिभावको को लूटने के षड्यंत्र पर प्रभावी रोक लग सके, व सरकार के बनायें नियमो से अभिभावको को लाभ प्राप्त हो सकें ।
टीम पापा का कहना है कि माना इसका कहि लिखित उल्लेख तो नही है, पर सभी जानते हैं 50 से 60% प्रतिशत कमीशन का खेल अभिभावको की जेब काट रहा है,
अबकी बार संस्था का संकल्प है सरकार के आदेश के तहत ही किताब कॉपी, जूते मोजे, या विद्यालयों के परिधान की निश्चित कमीशन देकर अभिभावको को लुटवाने वाली दुकानों न चलने दिया जाये,
हर विद्यालय ऐसा पाठ्यक्रम निश्चित करें जो खुले बाजार में मिल सकें,
परिधानों में इस तरह का चुनाव हो जो खुले बाजार में मिल सकें,
विद्यालय के नाम के लिए विद्यालय टाई , बेल्ट व बिल्ले आई कार्ड का ही इस्तमाल करें,
जूते का रंग निश्चित हो, ब्रांड आदि नही, इसके लिये विद्यालयों को आदेशित किया जाये,
अगर कोई भी विद्यालय अपने संस्थान (विद्यालय में ही बिक्री करना) से अथवा किसी निश्चित दुकान से पाठ्क्रम, परिधान आदि खरीद के लिये बाध्य करता है,
तो शिक्षा विभाग विभिन्न सूचना प्रचार व सम्मानित मीडिया के माध्यम से एक शिकायत नम्बर तत्काल जारी करे, जिसमें शिकायत कर्ता की पहचान को छुपाते हुये, आदेश उलंघन करने वालों पर तत्काल सचल दल द्वारा छापा मार कर दण्डात्मक कार्यवाही की जाये,
आने वाले सत्र में अगर विद्यालयों के कमीशन खोरी के चलते सरकार के आदेश का पालन न करने वाले व मनमानी करने वाले विद्यालयों के खिलाफ ठोस दण्डात्मक कार्यवाही न होने पर संस्था आंदोलन के लिये मजबूर होगी, व इस वार का आंदोलन ऐतिहासिक होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी निजी विद्यालयों, शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन की होगी ।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से अरुण मिश्रा, शोभित जेटली, अमर सिंह सेंगर, प्रवीन सक्सेना, अरुण भाटिया, दीपक वर्मा, विक्की गुप्ता, मिंटू शर्मा आदि मौजूद रहे ।