बढ़ी घाटों की संख्या, खरीदे जाएंगे 32 लाख दीये और 61 हजार लीटर सरसों का तेल

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बढ़ी घाटों की संख्या, खरीदे जाएंगे 32 लाख दीये और 61 हजार लीटर सरसों का तेल

55 घाटों पर 25 से पहुंचेंगे दीये, 30 अक्टूबर को मुख्य आयोजन

अयोध्या। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार होने जा रहे दीपोत्सव के आठवें संस्करण को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है। खास बात यह है कि इस बार दीपोत्सव पूरी तरह से रामलला को समर्पित होगा इसलिए बड़े बदलाव भी किए जा रहे हैं। घाटों की संख्या 51 से बढ़ाकर 55 कर दी गई है तो 28 लाख दीपक बिछाने के लिए करीब 32 लाख दीपक खरीदे जा रहे हैं। 25 अक्टूबर से दीये घाटों पर पहुंचने शुरू हो जाएंगे। 30 को मुख्य आयोजन संपन्न होगा। इतना ही नहीं इस बार राम मंदिर परिसर समेत सभी मठ-मंदिरों को भी जगमग करने की तैयारी है।
दीपोत्सव 2024 को लेकर अब तक दीपक आदि की टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और स्थलीय निरीक्षण भी शुरू कर दिया गया है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो. एस एन मिश्र ने रविवार को बताया कि इस बार लता मंगेशकर चौक के दाएं ओर भजन संध्या स्थल घाट नया जोड़ा गया है। यह स्थल बड़ा होने के कारण चार नए घाट बनेंगे, जिस कारण गत वर्ष 51 की जगह इस बार 55 घाटों पर विश्व रिकार्ड के लिए कुल 28 लाख दीपक बिछाये जाने है। हर दीपक में तीस एमएल तेल पड़ेगा। इसीलिए कुल 32 लाख दीपक खरीदे जा रहे हैं।
दीपोत्सव में इस बार 30 हजार स्वयं सेवक दीप बिछाने और अन्य जिम्मेदारी निभाएंगे, जिसमें 20 महाविद्यालय, 36 इंटर काॅलेज और 20 एनजीओ के स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है, जिनकी डेटा फीडिंग 20 अक्टूबर तक पूरी कर ली जायेगी। इसके अलावा 28 टीमों का गठन किया गया है जो दीपोत्सव में अपनी विभिन्न जिम्मेदारी का निर्वाह करेंगे। वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए इस बार 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य है। पिछले साल 22 लाख 23 हजार दीये जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया था। इसके अलावा आठवें संस्करण को भव्य बनाने के लिए जन सहभागिता अभियान के तहत कम से कम 36 हजार से अधिक लोगों को जोड़ने का भी लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए स्वयं सेवकों और विश्वविद्यालय स्तर से कार्य किया जाएगा। दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए आठ से अधिक ड्रोन कैमरे भी लगाए जाने पर विचार चल रहा है।

सामग्री की खरीद के लिए तीन टेंडर प्रकाशित

जिला प्रशासन की देखरेख में दीपोत्सव की सामग्री की खरीद के लिए टेंडर आमंत्रित किया जा चुका है। सामग्री की खरीद के लिए तीन टेंडर प्रकाशित किये गये हैं। एक में दीया, बाती व इससे संबंधित सामग्री तो दूसरे में भोजन व तीसरे में अन्य मिश्रित सामग्री के लिए टेंडर प्रकाशित किया गया है। इसमें 32 लाख मिट्टी के दीये, 40 लाख रुई की बाती, 61 हजार लीटर कड़वा तेल के साथ ही 27 हजार टीशर्ट की खरीद को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त वालंटियरों व व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों के लिए छह दिन भोजन और जलपान की व्यवस्था भी की जाएगी। रुई की बाती के अलावा कैंडिल, स्टिक, माचिस आदि को क्रय किया जाएगा। इन वस्तुओं की आपूर्ति 20 अक्टूबर तक सुनिश्चित करने के लिए होमवर्क किया जा रहा है। जैसे- जैसे दीयों की आपूर्ति होती जाएगी, उन्हें निर्धारित घाटों के सामने नियत स्थलों पर संरक्षित किया जाना प्रारंभ किया जाएगा।

छह बार बन चुका है विश्व रिकाॅर्ड

2017 में शुरू हुए दीपोत्सव में अब तक छह बार विश्व कीर्तिमान बना है। अब तक सात संस्करण संपन्न हो चुके हैं। जैसे-जैसे राम की पैड़ी पर दीये प्रज्वलित करने का लक्ष्य बढ़ा, वैसे-वैसे वालंटियरों की संख्या व घाटों की संख्या में वृद्धि होती गई। इस बार 15 हजार से अधिक स्वयं सेवक बढ़ाए जा रहे हैं।

राम मंदिर के सीमित क्षेत्र में ही होगा आयोजन

दीपोत्सव पर राम मंदिर के गर्भगृह में पहला दीप जलाया जाएगा, लेकिन परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का ख्याल रखा जायेगा। रामलला के मंदिर, अस्थाई मंदिर, परकोटा, सप्त ऋषियों के मंदिर और कुबेर टीला पर भी दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक परिसर में अभी निर्माण का कार्य प्रगति पर है ऐसे में कोई भी कार्य प्रभावित न हो इसके लिए किसी भी आयोजन को सीमित क्षेत्र में ही किया जाना होगा।
जिला प्रशासन के सहयोग से दीपोत्सव की सभी तैयारियां की जा रही है। घाटों का निरीक्षण शुरू कर दिया गया है और सभी व्यवस्थाएं निगरानी में चल रहीं है। इस बार का दीपोत्सव रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को समर्पित होगा… प्रो संत शरण मिश्र, नोडल अधिकारी, दीपोत्सव, अवध विश्वविद्यालय

फैक्ट फाइल

25 लाख दीये जला बनाना है विश्व रिकॉर्ड
28 लाख दीये बिछाए जाएंगे
30 हजार स्वयं सेवक लगाए जाएंगे
22 अक्टूबर तक घाटों की मार्किग
40 लाख रुई की बाती लगेगी

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