राजा भइया ने दिया योगी आदित्यनाथ जैसा नारा,कहा-याद रहे जुड़ेंगे तभी बचेंगे,गोधरा अग्निकांड का किया जिक्र

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प्रतापगढ़।उत्तर प्रदेश के बड़के जिले प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा से विधायक जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया अकसर सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं।अब राजा भइया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे वाले नारे की तरह नारा दिया है।राजा भइया ने कहा कि याद रहे जुड़ेंगे तभी बचेंगे।राजा भइया ने 23 साल पहले गुजरात के गोधरा कांड की घटना का जिक्र करते हुए अपनी बात कही और कहा कि जब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाई गई थी तो किसी ने अगड़ा, पिछड़ा और दलित नहीं पूछा था।

 

 

राजा भइया ने 27 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज ही के दिन साबरमती एक्सप्रेस में राम भक्तों को जिंदा जला दिया गया था।इन लोगों को जिंदा जलाने से पहले किसी ने यह नहीं पूछा था कि वे अगड़े हैं या फिर पिछड़े हैं।राजा भइया ने एक नारा भी दिया और लिखा कि जुड़ेंगे तभी बचेंगे।यह नारा सीएम योगी जैसा ही है,जिसमें उन्होंने कहा था कि बंटोगे तो कटोगे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस नारे का काफी असर हुआ था।

 

 

राजा भइया ने कहा कि गोधरा शब्द सभी को याद होगा,लेकिन साबरमती एक्सप्रेस की चर्चा कम ही होती है। आज वही दुखद दिन है,जिस दिन सन 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में राम भक्तों को ज़िंदा जला दिया गया था,उनका अपराध ये था कि वे अयोध्या से अपने आराध्य श्री रामलला सरकार के दर्शन करके लौट रहे थे।नारी,पुरुष, बच्चे बच्चियां किसी को नहीं छोड़ा गया। पेट्रोल डालकर उन्हें जीवित जला दिया गया।विश्व के इतिहास में किसी भी राष्ट्र में अल्पसंख्यकों द्वारा बहुसंख्यक समाज का इस प्रकार निर्मम, क्रूर नरसंहार का कोई दूसरा उदाहरण हो तो बताएं अवश्य। और हां कृपया विचार करें कि उन्हें ज़िंदा जलाने के पहले क्या उनसे पूछा गया था कि वे अगड़ा, पिछड़ा या दलित हैं।याद रहे जुड़ेंगे तभी बचेंगे।

 

 

बता दें कि राजा भइया ने महाकुंभ में हिंदू समाज की एकता को लेकर टिप्पणी की थी,जो वायरल हो गई थी। राजा भइया ने असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा था कि जैसे हालात हैं,उसमें यदि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दी जाए तो आधे हिंदू ही बचेंगे। राजा भइया का कहना था कि हिंदू समाज में शस्त्र रखने की परंपरा खत्म हो रही है और लोग अपनी रक्षा के लिए भी तैयार नहीं हैं।हमें अपनी सामाजिक एकता की रक्षा करनी है और आध्यात्मिक साधना के साथ राष्ट्र का विकास भी करना है। राजा भइया अकसर विधानसभा में भी सामाजिक एकता के विषय पर बोलते रहे हैं।

 

 

बताते चलें कि इतिहास में 27 फरवरी का दिन एक दुखद घटना के रूप में दर्ज है। 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन से रवाना हुई साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में उन्मादी भीड़ ने आग लगा दी थी और इस भीषण अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी।अहमदाबाद को जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस गोधरा स्टेशन से चली ही थी कि किसी ने चेन खींचकर ट्रेन रोक दी और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे को आग के हवाले कर दिया गया।ट्रेन में सवार लोग हिंदू तीर्थयात्री थे और अयोध्या से कार सेवा कर लौट रहे थे।घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई और जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।उस समय गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

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