मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच में अब नहीं होगी देरी
दीपोत्सव तक रामनगरी को मिल सकती है खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की प्रयोगशाला
अयोध्या। मिलावटी खाद्य व नकली दवाओं के सैम्पल की जांच में लगने वाले समय में अब काफी कमी आएगी। रिपोर्ट मिलने में अधिक समय लगने पर लोगों को मुकदमें का निपटारा कराने में वर्षों लग जाते थे। कोर्ट कचहरी का लम्बे समय तक चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या की रुदौली तहसील के फेलसण्डा में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की मण्डलीय प्रयोगशाला व कार्यालय की आधारशिला रखी थी, जिसका निर्माण पूरा हो चुका है।
भवन में अब सभी कार्यालय शिफ्ट किए जाएंगे। अयोध्या जनपद व मण्डल के अन्य सभी जनपदों से खाद्य सुरक्षा प्रशासन की ओर से मिलावटी व अखाद्य पदार्थों के जो नमूने जांच के लिए एकत्र किए जाते थे। उन्हें जांच के लिए लखनऊ या आगरा स्थित प्रयोगशाला को भेजना पड़ता था। ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता था और सम्बंधित वादकारियों को लंबे समय तक कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते थे। किन्तु अब सभी जांच यहीं संभव हो सकेगी। दवा के कारोबारियों को भी वर्षों तक रिपोर्ट के इंतजार में कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते थे।
इस समस्या का योगी सरकार ने हल निकाला है। इसके लिए रुदौली तहसील के फेलसंडा गांव में खाद्य एवं औषधि प्रशासन का मंडलीय भवन एवं प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है। इसका निर्माण यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफस्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने लगभग 23.08 करोड़ रुपये से कराया है। इस बहुउद्देश्यीय भवन का निर्माण कार्य 01 जनवरी 2022 को प्रारंभ हुआ था।
खाद्य सुरक्षा प्रशासन के सहायक आयुक्त वीके सिंह ने बताया की प्रयोगशाला का काम पूरा हो चुका है । शीघ्र ही मंडल के सभी कार्यालय नए भवन में स्थानान्तरित कर दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रयोगशाला में काम आने वाले उपकरणों की मांग की गई है। शीघ्र ही वह भी आ जाएगा। शीघ्र ही खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की प्रयोगशालाएं एवं अन्य कार्यालय का संचालन नए भवन से प्रारंभ हो जाएगा।
न्होंने बताया कि अक्टूबर माह मे भवन विभाग को हेंड-ओवर हो जाएगा। दीपोत्सव के मौके पर अयोध्या आगमन के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नए भवन का उद्घाटन कर सकते हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति हो चुकी है। अब हेंड-ओवर होने का इंतजार है। भवन के हेंड-ओवर के लिए भी तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। प्रमुख सचिव ने अक्टूबर तक भवन को हेंड-ओवर किए जाने के निर्देश दिए हैं।