महाकुंभ नगर:-गंगा पण्डाल में नित्य पद्मश्री, पद्मभूषण, संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय एवं राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकारों का जमावड़ा हुआ है। आज दिनांक 19 फरवरी 2025 को कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय पार्श्वगायिका तथा 5 बार फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण, केरल राज्य फ़िल्म पुरस्कार, तमिलनाडु राज्य फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित श्वेता मोहन ने अपनी सुरीली आवाज से पण्डाल को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्वेता मोहन दक्षिण भारत के सभी भाषाओं में गीत प्रस्तुत कर चुकी हैं तथा 700 से भी अधिक गाने गायें हैं। ए आर रहमान के लिए उनके द्वारा बॉम्बे फ़िल्म के लिये गाया गीत “कुची कुछ रक्कामा” बेहद पसंद किया जाता है। इन्होंने इलैयाराजा, विद्यासागर, एम एम कोरवानी, हैरिस जयराज, युवान शंकर जैसे संगीत निर्देशकों के साथ काम किया है। बड़े अच्छे लगते है धारावाहिक के तमिल वर्ज़न में टाइटल गीत से लेकर बोल बेबी बोल, सुपर सिंगर के कई भाग तथा ज़ी तमिल के सा रे गा मा पा लिटिल चैम्प में जज का भी काम किया है। आज के कार्यक्रम में सबसे पहले भगवान गणपति की स्तुति “वनापि गनपतिम” करके भगवान का आवाहन किया। उसके बाद भगवान शिव शम्भू को समर्पित भजन “भो शम्भू” प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति के रूप में “नीरजा डाला नयना” प्रस्तुत किया जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। भगवान कृष्ण को समर्पित बाजे रे मुरलिया से दर्शकों को रिझाया। कार्यक्रम के अंतिम गीत में भक्त जना वत्सले प्रस्तुत किया।
उसके बाद दूसरी प्रस्तुति के रूप में पद्मश्री एवं संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित तथा मां व गुरु रुक्मणि पद्मनाभन से दीक्षित चित्रा जी को कालिमामणि की उपाधि तमिलनाडु सरकार द्वारा दी गई। साथ ही इन्हें महिला शिरोमणि एवं श्री रत्ना की भी उपाधि दी गई है। आज के कार्यक्रम में अन्तकान्तका किया जिसमें भगवान शिव को समर्पित तीन ताल में एक रागमाला का भावनृत्य प्रस्तुत किया। इसमें दर्शाया गया कि कैसे आप अपने आप को, शरीर और आत्मा को समर्पित करते हैं। उसके बाद गंगे गंगे पुरिया धनश्री ताल में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत मे भरतनाट्यम में थिलाना प्रस्तुत किया जो आनंदमय आनंद का प्रतीक है। कार्यक्रम के अंत मे उन्होंने पंचाक्षर स्त्रोतम प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के समापन पर संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशासी श्री कमलेश कुमार पाठक एवं संस्कृति मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री गौरी बसु ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह तथा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।