सरयू में समाई 300 बीघा खेती की भूमि, 200 बीघा फसल, ग्रामीणों में दहशत

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सरयू में समाई 300 बीघा खेती की भूमि, 200 बीघा फसल, ग्रामीणों में दहशत

एसडीएम मौके पर पहुंचे, राहत व बचाव का किया दावा

अयोध्या। पूराबाजार ब्लाक के मदरहिया गांव में तीन दिनों से चल रही सरयू नदी की कटान का प्रकोप नहीं थम रहा है। प्रशासन और पीडब्ल्यूडी द्वारा कटान रोकने के लिए लगाई जा रहीं बोरिया भी बह जा रहीं हैं। इतना ही नहीं कटान के कारण लोगों में दहशत समा गई है और सुरक्षित स्थान के लिए पलायन को मजबूर हो गए हैं। कटान की जद में आकर दो दिनों में अब तक 300 बीघा खेती योग्य जमीन व फसल नदी में समा चुकी है। करीब 100 बीघा परवल की और 50 बीघा गन्ने की फसल और 50 बीघा अन्य फसलें भी नदी में समा चुकीं हैं।
मदरहिया गांव में कटान के चलते अस्सी से अधिक परिवार चपेट में आएं हैं। गांव के बिंदु, विद्या, सुरेंद्र, बैजनाथ, महेश, हरेंद्र, भागीरथी रामकुमार, रतीभान, झिनकान, इंद्रेश, पप्पू, फेकू आदि की जमीनें कट कर नदी में समा रही है। जिस पर परवल और गन्ने की खेती थी जो सब बर्बाद हो गई है। अब गांव की तरफ भी कटान तेजी के साथ बढ़ रहा है। यदि इसी गति से कटान जारी रही तो बहुत जल्द ही गांव का नामोनिशान भी समाप्त हो जाएगा।
वहीं सरयू नदी में लगी भीषण कटान की सूचना पर उप जिलाधिकारी सदर विकास दुबे ने बुधवार मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। ग्राम प्रधान रमेश निषाद कटान से प्रभावित परिवारों से मिलवाया तथा किसानों के खेतों तक भी ले गए। जहां कटान के कारण खेत फसल सहित नदी में समा जा रहे थे। उप जिलाधिकारी ने कटान वाले खेतों को भी देखा जहां फसलों सहित खेत नदी में समा जा रहे थे। उन्होंने लेखपाल को निर्देश दिया कि जो खेत फसल सहित नदी में समा गए हैं उनकी सूची तैयार कर उन्हें दें जिससे शीघ्र आर्थिक सहायता दी जा सके
इसके बाद उपजिलाधिकारी सदर ने बताया कि कटान की रेंज में पहुंचे दो परिवारों को सुरक्षित स्थान पर सरकारी भूमि पर पहुंचा दिया गया है। उन्हें जिस भूमि पर पहुंचाया गया है उस भूमि को उन्हें आवासीय पट्टे के तहत भी दी जाएगी। उसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। जिससे बार-बार की कटान से उन्हें बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि पीड़ितों के परिवार को खाद्यान्न की समस्या न हो इसलिए पूर्ति अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि कटान रोकने के लिए आधुनिक मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। हर हाल में आवासीय परिवारों को कटान से बचाया जाएगा।

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