कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पिछले 6 वर्ष से शिवाजी स्मारक के लिए कर रहे थे प्रयास
आगरा आगमन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को योगेंद्र उपाध्याय ने बताई थी कोठी मीना बाजार की महत्ता
उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट बैठक में भी संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने दी स्वीकृति
आगरा। मीना बाजार कोठी आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की योजना में उस समय पंख लगे जब संयोग से एक ही दिन (10.03.2025) को एक और महाराष्ट्र विधानसभा सदन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की घोषणा की गयी, वहीं दूसरी ओर इत्तेफाक से उसी समय योगी कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम द्वारा विभागीय प्रस्तुतीकरण करते समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मीना बाजार की कोठी पर शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की प्रक्रिया हेतु निर्देशित करने का अनुरोध किया गया। उसी समय योगी आदित्यनाथ ने भी मुकेश मेश्राम को तद्नुसार कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया।
यह एक संयोग ही था कि एक ही दिन में महाराष्ट्र के सदन में वहां के मुख्यमंत्री घोषणा कर रहे थे तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मीटिंग में कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से उसी कार्य के लिए अनुरोध कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों शिवाजी महाराज के जन्मदिवस के अवसर पर लाल किले, आगरा में शिवाजी महाराज के नाटक के मंचन के अवसर पर देवेन्द्र फडणवीस को आगरा आमंत्रित किया गया था। तब उपाध्याय ने उनको अवगत कराते हुए यह बताया था कि आगरा में उनके द्वारा किये गये शोध से यह स्पष्ट हो गया है कि शिवाजी को औरंगजेब ने जयपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा मिर्जाराजा जयसिंह के पुत्र राम सिंह की कोठी में नजरबंद किया गया था, जो आज कल मीना बाजार की कोठी के नाम से जानी जाती है। यह भी सर्वविदित है कि छत्रपति शिवाजी ने जिस शौर्य, साहस, बुद्धिचातुर्य, कार्य योजना बनाने की अदभुत क्षमता और उसे कियान्वयन कर ले जाने की विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए औरंगजेब की जेल तोड़कर निकल गये थे, वह इतिहास का अविस्मरणीय पृष्ठ है। इसी पृष्ठ को चिरजीवी बनाने के लिए, जिससे की आने वाली पीढ़ियां प्रेरित हो सके, मीना बाजार की कोठी को अधिगृहीत कर वहां पर शिवाजी महाराज की स्मृति में एक भव्य स्मारक बनाने की योजना है। यह स्मारक जहां एक ओर आने वाली पीढी को प्रेरित करेगा वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश को आत्मीय रूप से जोड़कर राष्ट्रीय एकात्मता का एक प्रतीक स्तम्भ भी बनेगा।
इस योजना को कार्य रूप देने के लिए स्थानीय विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय विगत 5-6 वर्षों से जुटे हुए थे जिसको 10 मार्च को महाराष्ट्र विधान सभा के सदन एवं योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट मीटिंग ने पंख लगा दिये हैं।