‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ाकर निवेशकों को नई सुविधाएं देगी योगी सरकार
- -प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ बनाने के लिए निवेश प्रक्रिया सरलीकरण समेत विभिन्न परियोजनाओं पर होगा काम
- -सीएम योगी के विजन अनुसार, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में इन्वेस्टमेंट रिफॉर्म्स समेत विभिन्न प्रकार की योजनाओं को किया जाएगा लागू
- -इन्वेस्टमेंट प्रमोशन व फैसिलिटेशन के लिए भी तैयार होगा डीटेल्ड मैकेनिज्म जिसको तैयार करने की परियोजना पर शुरू हुआ कार्य
- -निवेश मित्र पोर्टल की ‘सिंगल विंडो प्लैटफॉर्म’ प्रणाली होगी और दुरुस्त, निवेशकों को आधुनिक सुविधाएं देने के लिए दो फेज में होगा कार्य
- -बिजनेस यूजर्स के लिए यूनिफाइड जी2बी इंटरफेस, माइक्रो सर्विस आर्किटेक्चर व एफिशिएंट कंटेंट मैनेजमेंट प्रणाली को जोड़ा जाएगा पोर्टल से, इन्वेस्ट यूपी ने शुरू की तैयारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास कर रही है। सीएम योगी के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश ने इस दिशा में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। ऐसे में, अब इस प्रगति को नए आयाम देने की दिशा में योगी सरकार द्वारा दो अहम कदम उठाए गए हैं। एक ओर, प्रदेश में निवेश प्रक्रिया के सरलीकरण, तमाम प्रकार की मंजूरी और इन्सेंटिव प्रणाली का लाभ देने व निवेशकों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में इन्वेस्टमेंट रिफॉर्म्स का डीटेल्ड मैकेनिज्म बनाया जाएगा। इसके जरिए इन्वेस्टमेंट प्रमोशन व फैसिलिटेशन का मार्ग प्रशस्त होगा और प्रक्रिया सरलीकरण में मदद मिलेगी। इसी प्रकार, इन्वेस्ट यूपी द्वारा निवेश मित्र पोर्टल के सिंगल विंडो प्लैटफॉर्म प्रणाली को और दुरुस्त करने पर फोकस किया जा रहा है। प्रक्रिया के अंतर्गत दो चरणों में बिजनेस यूजर्स के लिए यूनिफाइड जी2बी इंटरफेस, माइक्रो सर्विस आर्किटेक्चर, इंटीग्रेशन व एफिशिएंट कंटेंट मैनेजमेंट प्रणाली को पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
आईपीआरएस रैंकिंग फ्रेमवर्क को विकसित करने पर फोकस
सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों को प्रक्रिया सरलीकरण समेत ईज ऑऱ डूइंग बिजनेस के विभिन्न कॉम्पोनेंट्स का लाभ मिलना चाहिए। इसी दिशा में यूपीसीडा में डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के मानकों के अनुरूप बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) को लागू किया जाएगा। यह डीटेल्ड मैकेनिज्म की तरह कार्य करेगा जो यूपीसीडा के ऑफिशियल्स की परफॉर्मेंस में इजाफा करने, ऑनलाइन सर्विसेस के मॉडिफिकेशन व निवेश मित्र के साथ उसके इंटीग्रेशन का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसके साथ ही, इंडस्ट्रियल पार्क रेटिंग सिस्टम (आईपीआरएस रैंकिंग) का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
गैप ऐनालिसिस व इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्ट्रैटेजी पर होगा काम
यह यूपीसीडा के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में विकास व निवेश के अवसर तलाशने तथा गैप ऐनालिसिस के माध्यम से सुधार के क्षेत्रों में काम करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसके अतिरिक्त, इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्ट्रैटेजी के विकास व विस्तार, बिजनेस प्रॉसेस री-इंजीनियरिंग, नॉलेज क्रिएशन, डाटाबैंक मैनेजमेंट, बिजनेस प्रमोशन व मार्केटिंग, जीआईएस सिस्टम के इवैल्युएशन समेत विभिन्न प्रकार के कार्यों का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 3 वर्षों की कार्यावधि के लिए एक कंसल्टेंसी एजेंसी को कार्य सौंपा जाएगा जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
निवेश मित्र पोर्टल की सिंगल विंडो प्रणाली में और सुविधाओं को जोड़ा जाएगा
सीएम योगी की मंशा अनुरूप, इन्वेस्ट यूपी द्वारा निवेश मित्र पोर्टल की सिंगल विंडो प्रणाली को और सुदृढ़ कर उसमें नई सुविधाओं को जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत दो फेज में कार्य को पूरा किया जाएगा। पहले फेज में डिजाइन, डेवलपमेंट व इंप्लिमेंटेशन से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा तथा दूसरे फेज में पोर्टल के ऑपरेशनल मेंटिनेंस पर फोकस किया जाएगा। इस प्रक्रिया के जरिए बिजनेस यूजर्स के लिए यूनिफाइड जी2बी इंटरफेस, माइक्रो सर्विस आर्किटेक्चर, इंटीग्रेशन व एफिशिएंट कंटेंट मैनेजमेंट प्रणाली को पोर्टल से जोड़े जाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
डिजिटल फैसिलिटेशन मैकेनिज्म में होगा सुधार
प्रक्रिया के अंतर्गत, डिजिटल फैसिलिटेशन मैकेनिज्म में और ज्यादा सुधार किया जाएगा। इसके जरिए, इन्वेस्ट यूपी द्वारा सुझाए गए नए मॉडल्यूल्स का विकास होगा। यह उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों की मौजूदा प्रणाली को सिंगल विंडो प्रणाली का एक्सेस और साथ ही राष्ट्रीय सिंगल विंडो प्रणाली के साथ एकीकरण का माध्यम सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही निवेशकों को केवाईए (नो योर अप्रूवल्स), यूएएफ (यूनिफाइड एफ्लिकेशन फॉर्म्स), डॉक्यूमेंट रिपोजिटरी, पेमेंट गेटवे, इंडीविजुअल लाइसेंस मॉड्यूल, ग्रीवांस रेड्रेसल, यूजर प्रोफाइल मैनेजमेंट मॉड्यूल, रिपोर्टिंग व डैशबोर्ड जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराता है जिसे और सुदृढ़ करने की तैयारी की जा रही है।