कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस का सराहनीय कार्य
थाना साइबर क्राइम गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा Digital Arrest कर फर्जी पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड व अवैध मादक पदार्थ की बिक्री किए जाने का भय दिखाकर 84 लाख रुपए की ठगी करने वाला शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार
गौतमबुद्धनगर : दिनांक 30/31-07-2024 को थाना साइबर क्राइम गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा मु0अ0सं0 55/2024 धारा 419/420/468 भादवि (बढ़ोत्तरी धारा) व 66डी आईटी एक्ट से सम्बन्धित 01 अभियुक्त उमेश महाजन पुत्र सतीश चंद्र निवासी राजौरी गार्डन वेस्ट, दिल्ली उम्र 50 वर्षउमेश महाजन पुत्र सतीश चंद्र निवासी राजौरी गार्डन वेस्ट, दिल्ली उम्र 50 वर्षउमेश महाजन पुत्र सतीश चंद्र निवासी राजौरी गार्डन वेस्ट, दिल्ली उम्र 50 वर्ष को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त के कब्जे से घटना में प्रयुक्त 01 मोबाइल फोन बरामद किया गया है।
दिनांक 26-06-2024 को वादिनी मुकदमा निवासी सेक्टर-45, नोएडा द्वारा थाना साइबर क्राइम पर लिखित सूचना दी गयी कि दिनांक 23-06-2024 को उनके मोबाइल पर 01 अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन किया गया जिसने अपना परिचय फेडेक्स कोरियर कंपनी का कर्मचारी होना बताकर वादिनी मुकदमा के आधार कार्ड व क्रेडिट कार्ड की आईडी से विदेश भेजे जाने वाले पार्सल में अवैध MDMA मादक पदार्थ, फर्जी पासपोर्ट, क्रडिट कार्ड पाये जाने जिसका प्रयोग मनी लान्ड्रिग के केस में होना बताकर जाँच मुम्बई क्राईम ब्रान्च व CBI अधिकारी द्वारा किये जाने का भय दिखाकर जाँच के नाम पर दिनांक 23-06-204 से 25-06-24 तक Digital Arrest कर उसके बैंक खाते से 84,16,979 रूपये अपराधियों द्वारा विभिन्न खातो में ट्रान्सफर करा लिये गये। जिसके संबंध में थाना साईबर क्राईम कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर में मु0अ0सं0 55/2024 धारा 419/420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट में पंजीकृत किया गया।
विवेचना के क्रम में पाया गया कि वादिनी मुकदमा के बैंक खातो से उपरोक्त धनराशि विभिन्न बैंक खातो में ट्रान्सफर की गयी है इसी क्रम में एक बैंक खाता (सिटी यूनियन बैंक) जिसका खाताधारक अभियुक्त उमेश महाजन है जो दिल्ली के राजौरी गार्डन मे रहता है के सिटी यूनियन बैंक खाते में वादिनी मुकदमा के बैंक खाते से 05 लाख 110 रुपए ट्रांसफर हुए है। उक्त उमेश महाजन के सम्बंध में जानकारी एकत्रित की गयी जिसको दिनांक 30/31-07-2024 को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
अपराध करने का तरीकाः
अभियुक्त द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उसके द्वारा सोशल मीडिया में सर्फिंग के दौरान फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा गया जिसमें पार्ट टाईम जाब कर पैसा कमाने के संबंध में बताया गया था जिस पर अभियुक्त द्वारा फेसबुक पर उपलब्ध विवरण के आधार पर सीयान नाम के व्यक्ति से व्हाट्सएप पर संपर्क किया गया जो एक बैंक खाता उपलब्ध कराने पर अभियुक्त को 30,000 रूपये प्रदान करता था, उस व्यक्ति को अभियुक्त उमेश महाजन ने अपना बैंक खाता जिस पर रजिस्टर्ड मो0न0 को हटाकर उसके स्थान पर एक फर्जी सिम लेकर उस एकाउण्ट में रजिस्टर्ड करा दिया तथा उस खाते को बाद में सियान नाम के व्यक्ति को उपलब्ध करा दिया इस प्रकार उसके द्वारा अपने अन्य साथियो के भी एकाउण्ट खुलावा कर उन पर फर्जी नाम पते से लिये गये सिम नम्बरो को रजिस्टर्ड कर ओटीपी शेयर कर साइबर अपराधियों को उपलब्ध करा दिया गया। जिसके एवज में इसको अलग से पैसा मिलता रहा। इस प्रकार अभियुक्त फर्जी खाते तैयार कर उनका एक्सेस अपने साथियों को देता था एवं धोखाधडी से अर्जित की गयी धनराशि में अपना कमिशन प्राप्त करता था ।
नोटः
1-वादिनी मुकदमा के 10 लाख रुपए फ्रीज़ कराए गये जिसके रिलीज के सम्बंध में कोर्ट ऑर्डर संबंधित बैंक को प्रेषित किए गए है।
2-अभियुक्त उमेश महाजन के बैंक खाते के लेनदेन का विवरण देखा गया तो पाया कि दिनांक 23 जून 2024 से 29 जून 2024 के मध्य लगभग 46 लाख रुपए क्रेडिट हुए है 33 लाख 69 हजार रुपए डेबिट किए गये है अभियुक्त का कोई निजी रोजगार या नौकरी पेशा नहीं है ऐसी स्थति में इतनी बड़ी धनराशि का लेनदेन अभियुक्त के बैंक खाते में हुआ है जिसके सम्बंध में अलग से जाँच की जा रही है।
3-उपरोक्त घटना के सम्बंध में 33 से भी अधिक बैंक खातों को फ्रीज़ कराया गया है।