दीपावली पर कामकाजी महिलाओं को बड़ी सौगात: प्रदेश में शुरू होंगे 18 नए सखी निवास
- कामकाजी महिलाओं को मिलेगी सुरक्षित और किफायती आवास की सुविधा
- महीने के अंत तक 18 नए सखी निवास का शुरू होगा संचालन
- गोरखपुर, वाराणसी समेत प्रदेश के 09 शहरों में महिलाओं को मिलेगी सुविधा
- प्रदेश के कई शहरों में पहले से संचालित हैं 10 श्रमजीवी छात्रावास
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। दीपावली के मौके पर कामकाजी महिलाओं को बड़ी राहत मिलने जा रही है। अक्टूबर के अंत तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में 18 नए सखी निवासों का संचालन शुरू होगा, जहां महिलाओं को किफायती दरों पर सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा। इस योजना के तहत गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ समेत 9 प्रमुख शहरों में महिलाओं को यह सुविधा प्राप्त होगी।
प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित यह योजना कामकाजी महिलाओं को उनके कार्यस्थलों के नजदीक रहने की सुरक्षित व्यवस्था प्रदान करती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि यह कदम न केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व और संतुलन भी लाएगा। इसके अलावा, पहले से संचालित 10 श्रमजीवी महिला छात्रावास भी महिलाओं के लिए राहत का स्रोत बने हुए हैं।
महिला सशक्तीकरण पर योगी सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण को लेकर विशेष रूप से संवेदनशील हैं। केंद्र सरकार की महिला हित योजनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली प्रदेश सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए सकारात्मक माहौल बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। “सखी निवास” योजना के माध्यम से सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
इस योजना के तहत प्रदेश के कस्बों, शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमजीवी महिला छात्रावासों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अनुदान सहायता दी जा रही है। साथ ही, इन छात्रावासों में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है।
इन शहरों में बनकर तैयार हैं 18 नए सखी निवास
प्रदेश में 18 नए सखी निवासों का निर्माण हो चुका है, जिनका संचालन अक्टूबर 2024 के अंत तक शुरू हो जाएगा। इनमें से 4 लखनऊ और 4 नोएडा में पूर्ण रूप से केंद्र सरकार के वित्तीय सहयोग से बने हैं, जबकि शेष 10 सखी निवास उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र के 60 प्रतिशत वित्तीय सहयोग के साथ बनाए गए हैं।
इन सखी निवासों की प्रत्येक की क्षमता 50 महिलाओं की होगी। विशेष रूप से, कामकाजी महिलाएं अगर शादीशुदा हैं, तो वे अपने 18 साल तक की बेटी और 12 साल तक के बेटे को भी साथ रख सकती हैं।
किफायती दरों पर आवास की सुविधा
प्रदेश के 9 प्रमुख शहरों—गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, आगरा, बरेली, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में नए सखी निवास बनाए गए हैं। गाजियाबाद में 2 सखी निवास बनाए गए हैं। यहां महिलाओं को बेहद किफायती दरों पर आवास की सुविधा मिलेगी, ताकि उनके करियर और जीवन में स्थिरता बनी रहे।
पहले से संचालित सखी निवास
कानपुर, अलीगढ़, प्रयागराज, लखनऊ, झांसी, मेरठ, सहारनपुर और अमेठी जैसे शहरों में पहले से 10 श्रमजीवी महिला छात्रावास पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रहे हैं। ये छात्रावास भी कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध करा रहे हैं।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम
सखी निवासों में महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा गया है। परिसर की चारदीवारी, सीसीटीवी कैमरे और चौबीसों घंटे गार्ड की व्यवस्था की गई है। साथ ही, नाममात्र के किराए पर आवास उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि इसका रखरखाव भी सुचारु रूप से हो सके। महिलाओं को इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना होगा, जिसके बाद उनकी पात्रता की जांच कर आवंटन किया जाएगा।
दीपावली पर एक नई शुरुआत
दीपावली के इस पावन अवसर पर 18 नए सखी निवासों का संचालन न केवल कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, बल्कि यह प्रदेश सरकार की महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और मजबूत पहल है। महिलाओं को अब सुरक्षित आवास की चिंता से मुक्त होकर अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का अवसर मिलेगा।