कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के प्रयास से कोठी मीना बाजार में बनेगा शिवाजी महाराज का भव्य स्मारक
शिवाजी महाराज स्मारक युवा पीढ़ी के लिए बनेगा प्रेरणा स्थल : योगेंद्र उपाध्याय
शिवाजी स्मारक से उत्तर भारत और महाराष्ट्र के लोगों के बीच बढ़ेगा सामंजस्य
आगरा। आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पिछले कई वर्षों से सतत प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने 18 जनवरी को लाल किला के अंदर दीवान ए आम पर यह वही स्थान जहां कभी औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को अपमानित करने का प्रयास किया था, वहीं पर अब उनके शौर्य के प्रदर्शन का नाटक का मंचन किया जा रहा था उसी समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष शिवाजी महाराज के शौर्य पूर्ण इतिहास के बारे में रूबरू कराया था। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शाहगंज स्थित रेस्टोरेंट में प्रेस वार्ता के दौरान शिवाजी महाराज स्मारक निर्माण की प्रगति और योजना के संकल्प के बारे में जानकारी दी।
*मीना बाजार की कोठी पर छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक बनवाने के प्रयास का इतिहास*
संयोग का एक ही दिन – उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आगरा स्थित मीना बाजार की कोठी को छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाये जाने की विगत कई वर्षों से चली आ रही कोशिश को उस समय एक आकार मिला जब 10 मार्च 2025 को संयोग से एक ही दिन में, एक ओर उप्र में योगी कैबिनेट की मीटिंग में कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम को छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की प्रक्रिया हेतु निर्देशित कराया गया। अद्भुत संयोग ही था कि इसी दिन महाराष्ट्र विधानसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देेवेन्द्र फडणवीस द्वारा बजट प्रस्तुत करते समय आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने का बजट में प्रावधान किया गया। गौरतलब है कि गत 17 फरवरी को जब मुख्यमंत्री फडणवीस आगरा आये थे तब प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय द्वारा उनको मीना बाजार की कोठी का इतिहास बताते हुए वहां स्मारक बनाने की योजना से अवगत कराया था। तभी उन्होने आश्वस्त किया था कि महाराष्ट्र सरकार इसमें तन-मन-धन से सहयोग करेगी। 10 मार्च 2025 को उपरोक्त दोनों घोषणाओं से इस योजना का साकार करने में पंख लग गये है।
कोठी मीना बाजार का ऐतिहासिक महत्व जानने के लिए कराया था रिसर्च
मीना बाजार की कोठी का एतिहासिक तथ्य जानने की कहानी – एक बार लगभग 5-6 वर्ष पूर्व जब योेगेन्द्र उपाध्याय आर.एस.एस. के सह सर कार्यवाह डॉ0 कृष्ण गोपाल के साथ आगरा के इतिहास, सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्ठभूमि पर चर्चा कर रहे थे तब कृष्ण गोपाल ने उनको निर्देशित करते हुए कहा कि यह किंवदन्ती गलत है कि छत्रपति शिवाजी महाराज को आगरा के लालकिले में कैद किया गया था। वास्तव में उनको तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब ने छलकपट से तत्कालीन जयुपर महाराजा मिर्जा राजा सवाई जयसिंह के पुत्र राम सिंह की कोठी में नजरबंद किया गया था और साथ ही उन्होने उस कोठी को तलाशकर एक प्रेरणा स्थल के रूप में स्मारक बनाने हेतु उपाध्याय को निर्देशित किया। तभी से योगेंद्र उपाध्याय द्वारा आगरा के ऐतिहासिक व प्राचीन कोठियों का इतिहास तलाशने और उनके राजस्व अभिलेखों को खंगालने का कार्य शुरू हुआ। इसी बीच आगरा के इतिहासकार डॉ0 सुगम आनन्द एवं अब स्वर्गीय डॉ अमी आधार निडर को भी इस कार्य में लगाया। इस खोज में जयपुर राजघराने के राजस्व अभिलेख और जयपुर हाउस व निकटवर्ती क्षेत्र के प्राचीन राजस्व अभिलेखों से यह तथ्य सामने आये कि मीना बाजार की कोठी वह स्थान है जहां राजा राम सिंह की वही कोठी थी जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज को नजरबंद किया गया था।
मीना बाजार की कोठी पर स्मारक बनाने का फैसला – उक्त तथ्य सामने आने के उपरान्त तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक और वर्तमान में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय मीना बाजार की कोठी पर शिवाजी महाराज का एक भव्य और दिव्य स्मारक बनवाने की प्रक्रिया में जुट गये। इस सन्दर्भ में उन्होने आगरा, लखनऊ, दिल्ली और मुम्बई तक की यात्रा की उचित स्थानों पर सम्पर्क करके तथ्यों से अवगत कराते हुए उस स्थान को छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। जिसमें नौकरशाही के मकड़जाल की अड़चने आयी, न्यायालय के वादों की दुहाई दी गई तथा अन्य अवरोधों की चर्चा की गई। किन्तु सब का हल उपाध्याय द्वारा स्थान-स्थान पर दिया जाता रहा।
*आगरा में पर्यटन के विकास को लगेंगे पंख*
मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि छत्रपति शिवाजी स्मारक शिवाजी महाराज के शौर्य, साहस, बुद्धिचातुर्य, योजना बनाने की विलक्षण प्रतिभा और उसे क्रियान्वयन कर ले जाने की अद्भुत क्षमता का परिचायक है, को प्रेरणा स्थल बनने से जहां आगरा का पर्यटन बढेगा; वही आगरा में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। यह स्थान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्थल तो बनेगा ही साथ में आगरा के जन-जन के लिए समृद्धि के द्वार भी खोलेगा। इस दृष्टि से उपाध्याय की टीम द्वारा आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज से सम्बन्धित दो बड़े कार्यक्रम प्रारम्भ कराये गये जिनको महाराष्ट्र से जोड़कर राष्ट्रीय एकात्मता और एकता का भी सन्देश दिया गया। पहला कार्यक्रम: 17 अगस्त की तिथि पर (जो कि शिवाजी महाराज द्वारा औरंगजेबी कैद से निकलने की तिथि है) को लालकिले पर उनके सिपहसलारों के 14वें वंशजों को प्रतिवर्ष आगरा आमंत्रित किया जाने लगा और लालकिले के समक्ष मराठा कालीन युद्धकला प्रदर्शन, उनकी मूर्ति का अभिषेक और एक यात्रा का आयोजन किया जाने लगा। उनके 14वें वंशजों की यह यात्रा आगरा से चलकर उसी एतिहासिक रास्ते से राजगढ़ वापस जाती है जिस रास्ते से छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा आये थे और उनके सभी पड़ाव स्थलों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। गत वर्ष सराय मलूकचन्द पर जहां शिवाजी महाराज की आगरा यात्रा का अंतिम पड़ाव था, एक मूर्ति स्थापना भी की गई थी। यह कार्यक्रम 05 वर्षों से निरन्तर चल रहा है।
दूसरा कार्यक्रम: शिवाजी महाराज के जन्मदिवस 18 फरवरी को लालकिले के अन्दर दीवान-ए-आम पर उसी स्थान पर जहां कभी औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को अपमानित करने का प्रयास किया था वही पर अब उनके शौर्य के प्रदर्शन का नाटक का मंचन किया जाता है। जिसमें गत वर्ष मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस आमंत्रित किये गये थे और उससे पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आये थे। इस प्रकार आगरा में जहां एक ओर शिवाजी महाराज के शौर्य पूर्ण इतिहास का वातावरण बना वही दूसरी ओर शिवाजी का वह सन्देश भी गया जो एक हिन्दू राष्ट्र के रूप में उनका लक्ष्य था।
उक्त तथ्यों से उपाध्याय द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी मीना बाजार मैदान की सभा के समय एक ज्ञापन देकर अवगत कराया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से समय समय पर मुलाकात कर प्रगति से अवगत कराते रहे; मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पर्यटन मंत्रालय को अवगत कराते रहे। आगरा के जिलाधिकारियों, उ.प्र. शासन के आवास विभाग के प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव से लेकर मुख्य सचिव तक समय समय वस्तु स्थिति बताते रहे है और अवरोधों के बारे में स्पष्टीकरण देते रहे।
इस तरह परवान चढ़ी कोशिश कोशिश
इस प्रकार सतत् सम्पर्करत और संघर्षरत रहने के उपरांत 10 मार्च 2025 को इस योजना को उस समय पंख लगे जब संयोग से इसी तिथि को जहां उ.प्र. के कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माध्यम से उ.प्र. शासन के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम को निर्देशित कराया जा रहा था वहीं उसी तिथि को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा सदन में उपाध्याय से हुई आगरा में वार्ता के अनुक्रम में महाराष्ट्र सरकार के बजट को प्रस्तुत करते समय शिवाजी के स्मारक को आगरा में बनाने हेतु प्रावधान कराया जा रहा था।
उपरोक्त कार्य जहां एक ओर देश की आने वाली पीढ़ीयों के लिए प्रेरणा स्थल बनेगा वही दूसरी ओर महाराष्ट्र से उत्तरी भारत तक की राजनीति को नई दिशा देता हुआ भारत की एकता और एकात्मता में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका का परिचायक भी होगा। जहां यह कार्य उस क्षेत्रवादी संकीर्ण राजनीति के मुंह पर तमाचा होगा जो उत्तरी भारत और महाराष्ट्र के निवासियों में मतभेद स्थापित करते हैं, वहीं दूसरी ओर ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ का संदेश भी देगा। जहां यह स्मारक आगरा में एक ऐसा पर्यटन स्थल बनेगा, जो ताजमहल से अधिक तेजस्वी होगा वहीं आगरा की आम जनता को रोजगार के अवसर प्रदान कर समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। ‘‘यह एक युगपरिवर्तनकारी कार्य होगा।’’
इस मौके पर प्रमुख रूप से डॉ अलौकिक उपाध्याय, ओम प्रताप सिंह, सुनील करमचंदानी मौजूद रहे।