मंत्रियों के सामने जिलाधाकरी और राजू दास की तीखी नोंकझाेंक
स्थल पर से ही हटा ली गई राजूदास की सुरक्षा
अयोध्या। प्रदेश के दो मंत्रियों के सामने ही जिलाधकारी नितीश कुमार और हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास आमने-सामने आ गए। तू-तू मैं-मैं हुई। स्थल से ही राजू दास की सुरक्षा हटा ली गई है। गनर को वापस बुला लिया गया। उन्होंने सुरक्षा हटाए जाने पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया।
घटना राम नगरी के एक होटल में गुरुवार रात लगभग 11 बजे की है। सरयू अतिथि भवन में रात मंत्री सूर्य प्रताप शाही और पर्यटन मंत्री जय वीर सिंह मौजूद थे। उनके साथ जिले के कुछ विधायक, दूसरे जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर भी मौजूद थे। बताया गया है कि चुनाव की समीक्षा की जा रही थी।
इसी दौरान अपनी बात रखने के लिए हनुमानगढ़ी के संत राजू दास भी पहुंच गए। दास बताते हैं कि उन्होंने अयोध्या में बंदिशों को लेकर शिकायत शुरू की तो अधिकारियों ने नाराजगी जताई। बात आगे बढ़ गई। सूत्रों के मुताबिक इस बीच डीएम के साथ राजू दास की जमकर बहस हुई। तू-तू मै-मै से मौजूद लोग सन्नाटे में आ गए। कोई कुछ बोल नहीं पाया। इसी दौरान उनकी सुरक्षा हटा ली गई। बाहर निकले तो सुरक्षा कर्मी ने बताया कि उसको जाने के लिए फोन आ गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले उनके एक सुरक्षा कर्मी को हटा लिया गया था। सुरक्षा को हटाया जाना दुखद बताया।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक था। समीक्षा में हमारी बात सुनी गई। किस पर काम किया जाना चाहिए इस पर भी चर्चा हुई। वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं, अयोध्या के लोग, व्यापारियों की पीड़ा पर बोले तो अधिकारी परेशान हो गए। उनको अच्छा नहीं लगा। आरोप लगाया कि प्रशासन समाजवादी मानसिकता से चल रहा है।
कहा कि सोशल मीडिया पर उन्हें धमिकयां मिल रही हैं। उनको लक्ष्य किया जा रहा है। ऐसे समय में सुरक्षा हटा ली गई। यह दुखद है। हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लगाया। लेकिन पीएम मोदी और सीएम योगी पर उनको पूरा भरोसा है। इसकी चिंता नहीं है। सनातन और हिदुत्व के लिए काम करते रहेंगे।
सुरक्षा लेकर लोगों का प्रताड़ित करने का उद्देश्य : डीएम
हनुमानगढ़ी के संत राजू दास से की गई टिप्पणी पर डीएम नितीश कुमार ने कहा कि उनका उद्देश्य सुरक्षा प्राप्त कर लोगों को प्रताड़ित करना है। सुरक्षा समिति की बैठक में उनकी सुरक्षा पर विचार किया गया था। आपराधिक इतिहास खोजा गया तो बड़ा आपराधिक इतिहास मिला। सन् 2013, 2017 और 2023 में इनके खिलाफ मुकदमें दर्ज हैं।