भगवान जगन्नाथ स्नान यात्रा महोत्सव !!
भगवान जो कुछ भी करते हैं, वह लीला बन जाता है। चाहे वे माखन चुराएं, बांसुरी बजाएं, मिट्टी खाएं या युद्ध से भाग जाएं। ऐसा ही उनका स्नान भी है। यह भव्य उत्सव जगन्नाथ पुरी में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को ‘स्नान पूर्णिमा’ या ‘स्नान यात्रा’ के नाम से मनाया जाता है।
इसी अनुकृति में, श्री श्री जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा का स्नान यात्रा उत्सव इस्कॉन नोएडा में शनिवार, 22 जून 2024 को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। यह एक विशेष अवसर होता है जब भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा को अभिषेक समारोह में स्नान कराया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से हमारे पिछले सभी कर्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। उत्सव का प्रारम्भ प्रातः 10:30 बजे भगवान के अभिषेक से हुआ।
भगवान को 125 तीर्थों से लाए गए शुद्ध जल से स्नान कराया गया। भक्तों ने निरन्तर मधुर कीर्तन के साथ भगवान के अभिषेक का आनन्द लिया। सभी ने नृत्य किया और भगवान के पवित्र नामों का जप किया। भगवान जगन्नाथ को 56 से अधिक भोग अर्पित किए गए। इस अवसर पर भगवान् के श्री विग्रहों को इन्नाफी और फानेक नामक विशेष मणिपुरी पोशाक पहनाई गई थी। इस्कॉन नोएडा मन्दिर के कमांडर श्रीमन राधाकुण्ड प्रभुजी द्वारा एक विशेष प्रवचन दिया गया। प्रवचन में उन्होंने बताया कि कैसे भगवान वर्ष में एक बार स्नान करते हैं। उन्होंने गज वेश दर्शन के विषय में भी बताया कि भगवान वर्ष में केवल एक बार गज वेश दर्शन देते हैं। भगवान जगन्नाथ और भगवान बलदेव को हाथी की सूंड और दांतों के रुप में सुसज्जित अलंकृत पोशाक पहनाई गई। एक सुन्दर कमल में सुभद्रा महारानी एक फूल के रूप में प्रकट हुईं। महा-आरती से उत्सव का समापन हुआ। उत्सव के अन्त में, 1500 से अधिक भक्तों को स्वादिष्ट दोपहर का भोजन प्रसाद परोसा गया। कुल मिलाकर यह उत्सव बहुत ही हर्षोल्लास के साथ शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।