फिल्म सिटी से 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार, 5-7 लाख को अप्रत्यक्ष रूप से होगा लाभ
- 6 माह के अंदर शुरू होगा फिल्म सिटी के निर्माण का कार्य, 3 साल में फिल्मी गतिविधियां हो सकेंगी शुरू
- स्किल्ड के साथ-साथ अनस्किल्ड को भी अंर्तराष्ट्रीय फिल्म सिटी में मिल सकेंगे रोजगार के साधन
मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई जैसे राज्यों में अवसर तलाश रहे युवाओं को यहां करियर बनाने में मिलेगी मदद
- फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना से फिल्मों में करियर बनाने का सपना देख रहे युवाओं की अभिलाषा होगी पूरी
- जेवर एयरपोर्ट से सटे होने के कारण फिल्म सिटी का ट्रैवल टाइम दूसरी फिल्म सिटी की तुलना में होगा कम
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी का निर्माण 6 माह के अंदर शुरू हो जाएगा और तीन साल के अंदर यहां फिल्मों की शूटिंग और इससे संबंधित कार्य शुरू हो जाएंगे। यही नहीं,फिल्म सिटी के निर्माण से प्रदेश और आसपास के राज्यों के 50 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, वहीं 5 से 7 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे। यही नहीं, स्किल्ड के साथ-साथ यहां अनस्किल्ड लोगों के लिए भी संभावनाएं होंगी। इसके अलावा, प्रदेश के जो लोग मुंबई, हैदराबाद व चेन्नई जैसे राज्यों में फिल्मों में अवसर तलाश रहे हैं, उन्हें यहां अवसर मिल सकेंगे, जबकि फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना से फिल्मों में अपना करियर बनाने का सपना देख रहे युवाओं का यह सपना साकार हो सकेगा।
3 साल में फिल्म से जुड़ी गतिविधियां होंगी शुरू
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के साथ ही यीडा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी का निर्माण मुख्यमंत्री जी का सपना था, जो अब धरातल पर उतरने जा रहा है। इस फिल्म सिटी का निर्माण कार्य 4 से 6 माह के अंदर शुरू हो जाएगा और 3 साल में यहां फिल्म से जुड़ी जितनी भी गतिविधियां होती हैं वो भी शुरू हो जाएंगी। फिल्म सिटी की शुरुआत से यहां प्रतिभाओं को अवसर मिलेगा। जो लोग मुंबई जाकर फिल्मों में काम करने का सपना देखते हैं, उन्हें अब यहीं अवसर मिलेगा। बहुत से लोग हैं जिनमें प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन वो बड़े शहरों के खर्च अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। उन्हें भी यहां अवसर मिल सकेगा। कलाकार, टेक्नीशियन, मिक्सर, कैमरामैन, स्टोरी राइटर समेत ऐसी बहुत सारी प्रतिभाएं जो प्लेटफॉर्म न मिल पाने के कारण प्रदेश के अंदर ही दम तोड़ देती हैं, उनको यह फिल्म सिटी एक प्लेटफॉर्म प्रदान करेगी।
इसलिए खास होगी फिल्म सिटी
उन्होंने बताया कि यह फिल्म सिटी बिल्कुल अलग होगी। अभी देश भर में जितनी भी फिल्म सिटी हैं, उनमें जो भी कमियां हैं, उन्हें इस फिल्म सिटी में दूर करने का प्रयास किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इनमें ट्रैवल टाइम कम होगा, क्योंकि बाकी फिल्म सिटी में ट्रैवलिंग में बहुत टाइम लगता है, चाहे वो मुंबई हो या हैदराबाद। यहां पर एयरपोर्ट है, जो फिल्म सिटी से बिल्कुल सटा हुआ है। इसलिए यहां मूवमेंट करना बहुत आसान है और टाइम की भी बचत होती है। इसके अलावा यहां एकमोडेशन की भी व्यवस्था रहेगी। साथ ही शूटिंग के जो आउटडोर लोकेशन होते हैं वो भी यहां स्थापित किए जाएंगे। यहां फिल्म इंस्टीट्यूट भी बनेंगे, जहां ट्रेनिंग लेकर युवा फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर तलाश सकेंगे। उन्होंने बताया कि फिल्म सिटी में एक कंप्लीट इकोसिस्टम होगा। यहां पर हिमाचल भी होगा, कुल्लू मनाली भी होगा, कश्मीर भी होगा, रोड, एयरपोर्ट और हैलीपैड भी होगा। शूटिंग के लिए मंदिर भी होगा, मस्जिद और गिरिजाघर भी होगा। रहने के लिए विला होंगे, शूटिंग के लिए बैकलॉट्स होंगे,फिल्म इंस्टीट्यूीट्स होंगे, जिसमें बच्चे पढ़कर के अभिनय सीखकर के काम कर सकेंगे। साउंड मिक्सिंग और वीएफएक्स जैसी तकनीक का भी उपयोग होगा।
वर्ल्ड क्लास का इंफ्रास्ट्रक्चर
मुंबई की फिल्म सिटी से तुलना पर उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवपलमेंट के पास वर्ल्ड क्लास का इंफ्रास्ट्रक्चर है। यहां पर रैपिड रेल है, मेट्रो है, इंडियन रेल भी यहां पर आ रही है, ट्रांजिट रेल भी आ रही है। साथ ही यहां पर होटल्स, विला जैसी सुविधाएं हैं। यहां पर न ट्रैवल टाइम है, न रहने की समस्या है। यहां पर मिक्सिंग भी रहेगा, ओटीटी प्लेटफॉर्म भी रहेगा, स्टूडियो भी रहेंगे। फिल्म सिटी के इम्पैक्ट को लेकर उन्होंने बताया कि इसका पूरे प्रदेश की इकॉनमी पर मल्टीप्लायर इफेक्ट पड़ेगा। जब फिल्म सिटी पूरी तरह से तैयार हो जाएगी तो लगभग 50 हजार लोगों को इसके माध्यम से रोजगार मिल सकेगा। 5 से 7 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह फैसिलिटी बनने से प्रदेश के नौजवानों और बेरोजगारों को काम मिलेगा। इसमें अनस्किल्ड लोग भी होंगे, क्योंकि ये लेबर इंटेंसिव इंडस्ट्री है। बलिया से लेकर बिजनौर तक और बिहार, मध्यप्रदेश और हरियाणा तक लोगों पर इसका असर होगा। जैसे, जेवर एयरपोर्ट का मल्टीप्लायर इफेक्ट है, वैसे ही फिल्म सिटी का भी बड़ा इफेक्ट पड़ेगा। यहां पर इसके जरिए जीडीपी में डेढ़ से दो परसेंट असर आएगा।
पूरी तरह सुरक्षित होगी फिल्म सिटी
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी पूरी तरह सुरक्षित होगी। यहां आने में लॉ एंड ऑर्डर जैसी कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह सुधर गया है। यीडा क्षेत्र में भी आप कभी भी कहीं भी जा सकते हैं। कोई भी यहां रात को ट्रैवल कर सकता है। यह पूरा क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित है और इसमें लगातार सुधार हो रहा है। जो कानून व्यवस्था की कल्पना मुंबई के लिए की जाती है, वैसी ही बेहतर कानून व्यवस्था आज उत्तर प्रदेश की है। यहां साइबर क्राइम से निपटने के लिए, टेक्नोलॉजी से ड्रिवेन इंवेस्टिगेशन, इंटीग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जैसी तमाम चीजें नोएडा में आ चुकी हैं। ये सब चीजें बताती हैं कि कानून व्यवस्था की यहां कोई समस्या नहीं है। उन्होंने बताया कि ये पूरी तरह अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी होगी, जहां भारत के साथ-साथ विदेशी फिल्मों की शूटिंग भी होगी। यहां जो फैसिलिटी उपलब्ध कराई जाएंगी, वो विदेशों की तुलना में यहां आधे से भी कम कीमत में मिल सकेंगी।