कार्यकारी प्रादेशिक सचिव द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ महिला मण्डल अध्यक्ष अयोध्या ने उठाई आवाज

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कार्यकारी प्रादेशिक सचिव द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ महिला मण्डल अध्यक्ष अयोध्या ने उठाई आवाज

लखनऊ। भारत स्काउट गाइड की प्रज्ञा सिंह सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त (गाइड) अयोध्या मण्डल, अयोध्या द्वारा (वर्तमान कार्यरत्) द्वारा कार्यकारी प्रादेशिक सचिव के द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हुए प्रदेश के उच्च अधिकारियों से न्याय की मांग की है बताया है कि मेरी पूर्व तैनाती कानपुर मंडल में थी जहां मैं लगभग 18 महीनों तक कार्यरत् थी इन 18 महीनों में से 6 माह प्रादेशिक मुख्यायुक्त के निर्देशानुसार कानपुर नगर के जिला सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा प्रदान किया गया, पद के दायित्व का निर्वाहन करते हुए मैंने जिला संस्था के दस्तावेजों की जॉच में काफी हद तक वित्तीय अनियमताओं को पाया जिसके कारण मुझे इसकी स्पष्ट जॉच के लिए मुख्य विकास अधिकारी से ऑडिट की स्वीकृति लेनी पडी। श्री आर सी शर्मा जी पूर्व जिला मुख्यायुक्त कानपुर नगर को जब इसकी खबर लगी तो श्री आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) से मिलकर षंयन्त्र की रचना शुरू कर दी, उसी के तुरन्त बाद से ही मुझे कानपुर नगर के जिला सचिव से व मंडल से हटाया जाए इसकी प्रक्रिया आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के द्वारा प्रारम्भ की जाने लगी।

इसी प्रकरण में दिनांक-21.06.2024 को आर सा शर्मा जी (पूर्व जिला मुख्यायुक्त कानपुर नगर) प्रादेशिक कार्यालय आते है और आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के समक्ष मुझे अपमान जनक / अभद्र टिप्पणियों करते हुए अपमानित करते है, जिससे की सारा कार्यालय अवगत है। तत्पश्चात् जब मेरे द्वारा इनके किसी भी तरीके से गंदे /अनियमित/असंवैधानिक प्रस्तावों को नही स्वीकार किया गया, तो अधिकार पत्र का मुद्दा बनाकर देर रात्रि को आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के द्वारा मुझे आदेश दिया जाने लगा, जिसमें दिनांक-07.08.2024 को लगभग 9:30 से 10:30 के मध्य फोन व मैसेज से मुझे आदेश दिया जाता है कि कल दिनांक-08.08.2024 को जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय में अधिकार पत्र वितरण समारोह है आप प्रातः 9 बजे पहुंच जाना और अपने जिला मुख्यायुक्त/नगर आयुक्त को भी पहुचने को कह दो, तथा कानपुर नगर के अधिकारिक ग्रुप में यह सूचना भेज कर मुझे उसका स्कीन शॉट भेजो, इसके प्रति उत्तर में जब मेरे द्वारा यह प्रश्न किया गया कि इस कार्यक्रम की स्वीकृति व सूचना न ही मेरे द्वारा जिलाधिकारी महोदय से और न ही नगर आयुक्त जी से प्राप्त की गई और न उनके द्वारा मुझे दी गई है, फिर यह कार्यकम किस प्रकार संभव है। किसी भी कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेत सम्बन्धित अधिकारी को कार्यमुक्त कराने हेतु पूर्व में पत्र निर्गत किया जाता है। तो श्री आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के द्वारा मुझे कहा जाता तुमसे जितना कहा जाता है उतना करो, यदि नहीं किया तो तुमारे ऊपर कार्यवाही की जायेगी और कहते कि प्रभात सर की जिलाधिकारी से बात हो गई है, क्या तुम भी डीएम हो जो फोन करवायें। इस तरह मेरे ऊपर गहरा मानसिक दवाब देकर मुझ से नियम विरूध्द सूचना प्रसारित करवाई जाती है। तदुपरान्त आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) जी के आदेशों के अनुपालन में मैं प्रातः ही जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय पहुँच गई, लेकिन बडे आश्चर्य की बात थी कि वहां पर जिला संस्था का कोई भी पदाधिकारी उपस्थित नहीं मिला, सिवाय आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) तथा आर सी शर्मा (पूर्व जिला मुख्यायुक्त कानपुर नगर), जो की उसी दिन उनके द्वारा उक्त कार्यकम की तिथि व समय लिया जाता है।

लेकिन अगले ही दिन दिनांक-09.08.2024 को आंनद सिंह रावत (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) द्वारा पत्र निर्गत किया जाता है जिसमें मुझे बिना किसी कारण बताएं जिला सचिव कानपुर नगर व जनपद कानपुर नगर के कार्यदायित्व से मुक्त कर दिया जाता है। जोकि जिला सचिव को हटाने का अधिकार कार्यकारी प्रादेशिक सचिव के अधिकार क्षेत्र विषय कदाभि नहीं होता है। (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के तत्काल आदेश के अनुपालन में मेरे द्वारा जिला सचिव का कार्यदायित्व अधिकृत अधिकारी को दिनांक-13. 08.2024 को हस्तांरित कर दिया, लेकिन फिर भी (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) का मेरी प्रति व्यक्तिगत रौस खतम नही होता है, उसके ठीक एक माह बाद दिनांक-13.09.2024 को अवेलहना भरे शब्दों में पत्र दिया जाता है कि मेरे द्वारा पूर्ण रूप से जिला सचिव का कार्यदायित्व नहीं सौंपा गया है। (अज्ञात सूचानओं के आधार पर), फिर भी मेरे द्वारा पुनः अवकाश के दिन जाकर नए सिरे से कार्यदायित्व सौंप कर (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) जी को अवगत करा दिया गया।

(पत्र में उल्लेखित समस्त कथनों के साक्ष्य प्रार्थिनी के पास उपलब्ध है।)

इस तरह महोदय (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) आंनद सिंह रावत जी के द्वारा मुझे लगभग तीन माह से पत्रों व अनियमियत आदेशों के द्वारा मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताडित करने का कार्य किया गया है जोकि अभी भी जारी है। (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के द्वारा निर्गत समस्त पत्रों में सम्बोधन में सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त (गाइड) तथा आदेश जिला सचिव के कार्यक्षेत्र का जोकि पूर्णतः नियम विरूध्द व अमान्य है।
महोदय मैं लगभग 20 वर्षों से स्काउंटिंग / गाइडिंग आन्दोलन से जुड कर कार्य कर रही हूँ, लेकिन (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के द्वारा मेरे मनोबल को मिट्टी में मिलाने का कार्य किया जा रहा है।
अतः महोदय मैं जानना चाहती हूँ कि मेरे द्वारा स्काउट/गाइड पावन संस्था में पूरी मेहनत निष्ठा व ईमानदारी से कार्य करने का क्या यही प्रतिफल है, कि (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) जी अपने निजी स्वार्थो की पूर्ति के लिए इतनी हदें पार कैसे कर सकते हैं, तथा आप द्वारा प्रदान किए गए पद का दुरूपयोग इस तरह से किसी महिला अधिकारी कों बेवजह, खुन्नस बस मानसिक / शारीरिक / चारित्रिक प्रताडना देने में उपयोग क्यों कर रहे है। अध्यक्ष महोदय / प्रादेशिक मुख्यायुक्त जी से मैं यह भी जाँच की मांग करती हूँ कि) श्री आंनद सिंह रावत जी जब प्रादेशिक प्रशिक्षण आयुक्त के पद पर थे, तो उनके द्वारा किए गए गलत कार्यप्रणाली के चलते प्रयागराज प्रादेशिक प्रशिक्षण केंद्र में हेड क्वाटर कमिश्नर के पद पर कार्यरत् शिव शर्मा चौधरी ने आत्महत्या कर ली थी, ऐसे ही प्रकरण में अभी तत्काल में जिससे लगभग पूरा उ०प्र० का स्काउट/गाइड जगत अवगत है, स्वर्गीय श्री प्रदीप गुप्ता जी सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त (स्का०) पद पर थे, जिन्होनें दिनांक-12.08.2024 को आत्महत्या कर ली, निश्श्चत ही वह भी इसी कार्य प्रणाली से कुंठित होकर ऐसे कदम उठाये होगें, मुझे ऐसी प्रबल शंका है। कार्यालय व कार्य कभी भी जीवन से बडा नहीं हो सकता, महोदय (कार्यकारी प्रादेशिक सचिव) के द्वारा सदैव से ही अपने पद का दुरूपयोग कर अधिकारियों/कर्मचारियों का हर प्रकार से अत्यधिक शोषण करने का दुष्टतम कार्य किया जा रहा है, ऐसा व्यक्ति हर प्रकार से संस्था के लिए घातक सिध्द हो सकता है, जिसकी मानवीय संवेदनाएं मृत हो चुकी हो, जिसने मुझे भी आज उसी मुहावने पर लाकर खडा कर दिया है। अतः मैं अध्यक्ष महोदय / प्रादेशिक मुख्यायुक्त जी से अनुरोध करती हूँ कि कृपया मेरे भविष्य को अंधकार में जाने से बचा लिजिए। इसमें तत्काल न्यायसंगत व नियम के अनुरूप कार्यवाही करने की कृपा करें। प्रार्थिनी (प्रज्ञा सिंह) सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त (गा०) अयोध्या मंडल, अयोध्या ।

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