28 लाख की आबादी में तीन साल में नहीं मिला एक भी ‘नेक आदमी’!
2021 में शुरु की गई “गुड सेमेरिटन योजना”, घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर था पांच हजार इनाम
अयोध्या। दुर्घटना में घायल हुए लोगों की सहायता करने वालों को पुरस्कृत करने के लिए सरकार योजना चला रही है, लेकिन पुलिस को इसके लिए नेक आदमी नहीं मिल रहे हैं। तीन साल में जिले में एक भी नेक आदमी पुलिस को नहीं मिला जिसने घायलों को अस्पताल पहुंचाया हो। इस साल भी अब तक यही स्थिति है, जबकि जिले की आबादी करीब 28 लाख और अयोध्या महानगर की साढ़े तीन लाख है। शहर से लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रोज हादसे हो रहे हैं।
दुर्घटना में घायल होने के बाद सही समय पर उपचार न मिलने और अस्पताल न पहुंचने के कारण लोगों की मौत हो जाती है। सड़क पर हादसे होने के बाद लोग घायलों की मदद करने के बजाय वहां से तेजी से निकल जाते हैं। दरअसल, उन्हें इस बात का भय रहता है कि हादसे में घायलों की मदद करने के बाद उन्हें पुलिस के लंबे कागजी कोरम को झेलना पड़ेगा। कई बार थाने के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। इसके चलते लोग झमेले में नहीं पड़ना चाहते हैं। सरकार ने लोगों की इस मनोदशा को बदलने के लिए घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया। दुर्घटना के बाद का करीब आधे घंटे का समय जान बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस परिस्थिति में निःस्वार्थ भाव से अस्पताल पहुंचाने वालों को सरकार पुरस्कृत करती है। शासन की तरफ से प्रति घटना पांच हजार रुपये दिए जाते हैं। हालांकि इसका भी असर नजर नहीं आ रहा है। इसके लिए पुलिस को नेक आदमी नहीं मिल रहे हैं। जिले में पांच तहसीलों में भी यही स्थिति है।
मिल्कीपुर, सोहावल, रुदौली, बीकापुर और सदर क्षेत्र में भी इस योजना के तहत एक भी व्यक्ति सामने नहीं आया है। जबकि अयोध्या प्रयागराज, अयोध्या लखनऊ समेत सभी हाईवे और जिले की सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। बताया जाता है प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों को इस योजना की बहुत जानकारी भी नहीं है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 3 अक्टूबर 2021 को शुरू की गई, “नेक सेमेरिटन योजना” (गुड सेमेरिटन योजना) उस अच्छे सेमेरिटन को पुरस्कार प्रदान करती है। जिसने तत्काल सहायता प्रदान करके एक घातक दुर्घटना (मोटर वाहन सहित) के पीड़ित की जान बचाई है और चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए दुर्घटना के सुनहरे घंटे के भीतर अस्पताल/ट्रॉमा केयर तक पहुंचाया। इस योजना में पांच हजार रुपए का इनाम और विशेष प्रमाणपत्र दिए जाने का प्राविधान है।
योजना के अनुसार क्या होता है गुड सेमेरिटन ( नेक आदमी)
गुड सेमेरिटन वह व्यक्ति है जो सद्भावपूर्वक, भुगतान या पुरस्कार की अपेक्षा के बिना और देखभाल या विशेष संबंध के किसी भी कर्तव्य के बिना, दुर्घटना, या दुर्घटना, या आपातकालीन चिकित्सा स्थिति, या आपातकालीन स्थिति में घायल व्यक्ति को तत्काल सहायता या आपातकालीन देखभाल प्रदान करने के लिए स्वेच्छा से आगे आता है। यह परिभाषा योजना के तहत जारी की गई है।
नगर क्षेत्र में करीब साढ़े तीन लाख की आबादी है। केन्द्र की गुड सेमेरिटन योजना के तहत अभी तक कोई आदमी नहीं मिला है जिसने घायल को तत्काल अस्पताल पहुंचाया हो, यदि कोई किसी घायल की मदद करता है तो निश्चित रूप से योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा। -अजय यादव, यातायात निरीक्षक