उपन्यास मां – भाग 44 बेटे का साथ
रश्मि रामेश्वर गुप्ता
बिलासपुर छत्तीसगढ़
माँ ने जब बच्चे को देखा तो बहुत खुश हुई। कहने लगी- “मिनी ! सबके बेटे तो बड़े होने पर साथ देते हैं, मेरा नाती तो अभी से ही तुम्हारा साथ देने लगा। तुम्हारे साथ इंटरव्यू दिला आया और स्कूल भी जॉइन कर लिया। वाह क्या बात है।” माँ की बातें सुनकर मिनी हँस दी।
मिनी अब बच्चे को लेकर पुराने स्कूल वाले घर गयी। वहां भी अम्मा, बाबूजी, भैया, भाभी सभी बहुत खुश हुए। भाभी कहने लगी – “देखो मिनी! मैं सपने में देखी थी न तुम बेटे के साथ मेरे घर आई हो। मेरा सपना सच हो गया।”
मिनी, भाभी का स्नेह देखकर भावुक हो गयी। बच्चे को ,भाभी को देकर वो सीढ़ी से छत पर आई और अपने कमरे को देखने लगी जहाँ वो इतने दिन रही। एक छोटा सा कमरा था। कमरे के अंदर ही धान की कोठी थी। कमरा इतना छोटा था कि एक पलंग बस आ सकता था। मिनी ने एक नूतन गैस स्टोव और कुछ छोटे-छोटे बर्तन रखे थे। कुछ सामानों को तो पलंग के नीचे रखना पड़ता था।
जब बेटा आने वाला था तब कुछ दिनों के लिए मिनी को भाभी के हवाले करके माँ घर की देखभाल करने चली गयी थी तब भाभी, मिनी का कितना खयाल रखती थी। तब मिनी को बहुत नींद आती थी। सुबह तो स्कूल जाने के नाम से खाना बन जाता था पर शाम को मिनी अलसाई हुई सो जाती थी तब भाभी आती मिनी को जगाती और इतना ही नही जब नीचे सभी को खाना परोसती तब मिनी के लिए भी थाली में खाना परोस कर लाती और सिर्फ खाना ही नही एक ग्लास में पानी भी लेकर आती और मिनी से कहती- ” मिनी ! खाना खा लो फिर सो जाना। मैं नीचे जा रही हूँ सभी को खाना देकर आई हूँ।”
कभी-कभी तो मिनी खा लेती। कभी हां कह कर फिर सो जाती। रात में एक दो बजे नींद खुलती तो देखती पूरा खाना पंखे की हवा में सूख चुका होता। भाभी को पता चलता तो डॉट पड़ती। इतना प्रेम तो बिरले को ही नसीब होता है। मिनी की आंखे भाभी का प्रेम याद कर गीली हो रही थी पर घर तो छोड़ना ही था।
बाबूजी अम्मा के लिए चुपके से कोई खाने पीने का सामान लाते तो अम्मा जी कमर झुकी होने के बाद भी पहले ऊपर आकर मिनी को देती फिर खुद खाती थी। भाभी रोज पूछती- “मिनी! बताओ तुम्हारे लिए क्या मँगाउँ ?”
भैया कुछ भी लाते तो भाभी मिनी को देकर ही खाती।आखिर परदेस में भी किसी का इतना प्यार मिलेगा मिनी ने कभी सोचा भी नही था।
भाभी बच्चे को गोद में लेकर बहुत खुश थी। मिनी समान समेट रही थी। उस घर को छोड़ते हुए मिनी की आंखे नम हो रही थी और गांव के बहुत लोग मिनी से मिलने आये। सभी की आंखे नम होने लगी। मिनी सबसे विदा लेकर सभी से मिलने आते रहने का वादा करके माँ के पास आ गई। साथ मे भाभी ने भतीजे को भी भेज दिया और कहने लगी- “जाओ मिनी को घर तक हिफाज़त से पहुँचा कर आना।”…………….क्रमशः