अब खाकी से होगी झहुरी के सोमदत्त की पहचान,संघर्ष की है लंबी कहानी

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अब खाकी से होगी झहुरी के सोमदत्त की पहचान,संघर्ष की है लंबी कहानी

राहुल कुमार प्रियदर्शी (बिहार)

लौकही! दारोगा बन गए झहुरी निवासी सोमदत्त, कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होता है। विषम परिस्थितियों में प्रतिभाशाली छात्र निखरकर सामने आ ही जाते हैं। जरूरी नहीं की बड़े शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले बच्चे ही अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। सिर्फ हौसला,जुनून और अपने लक्ष्य के प्रति लगनशील होना चाहिए। सफलता एक न एक दिन कदम जरूर चूमती है। समय-समय पर गांव के स्टूडेंटस भी यह साबित कर दिखाया है। आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे है जिसने गरीबी से लड़कर अपने लक्ष्य को हासिल किया है। विदित हो की बिहार के मधुबनी जिला अंतर्गत लौकही प्रखंड अवस्थित झहूरी गांव के स्थाई निवासी स्व.उमेश राय का पुत्र सोमदत्त कुमार राय ने बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा देकर दारोगा का पद हासिल किया है। जानकारी के लिए बता दे बिहार दारोगा भर्ती का फाइनल रिजल्ट 09 जुलाई 2024 को जारी कर दिया गया है। 9 जुलाई यानी मंगलवार को परिणाम घोषित होने के बाद से पूरे झहुरी गांव में खुशी की लहर छा गई। वहीं झहुरी निवासी फरमुद, विजय और अजय के अलावे सोमदत्त के कई दोस्तों ने सोमदत्त के दरोगा बनने की खुशी में एक दूसरे को गुलाल लगाकर खुशियां बांटी वहीं सोमदत्त ने हमारे संवाददाता से बातचीत के दौरान इतनी बड़ी सफलता का श्रेय अपनी मां अनीता देवी को दिया। प्राप्त जानकारी अनुसार सोमदत्त के पिता बचपन में ही गुजर चुके है। वार्तालाप के दौरान उनकी मां अनीता देवी ने कहा की सोमदत्त पांच भाई बहनों में सबसे छोटा है। गुजर-बसर चलाने के लिए वे आठवीं के बाद से ही अपने भाई संदीप राय के साथ-साथ कभी-कभी देहारी मजदूरी भी किया करते थे । इधर सोमदत्त की मां झहुरी के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के लिए भोजन बनाने का काम कर पैसे इकट्ठा करती रही और अपने बेटे को पढ़ाया लिखाया। मां ने बताया पिता के गुजर जाने के बाद से हमने घर संभाला। सोमदत्त ने बताया की दरोगा बनने की चाहत हमें बचपन से ही थी। पिता के गुजर जाने के बाद बचपन गरीबी में बीता, मां ने दिन-रात मेहनत करके मुझे पढ़ाया लिखाया । 12वीं कक्षा पढ़ने के बाद शुरुआत में बड़े पापा स्वर्गीय श्री नारायण राय के बेटे शिक्षक प्रदीप राय हमारे मार्गदर्शक रहे । आगे उन्होंने कहा हमें इस मुकाम तक पहुंचाने में मेरे भाई-बहन से लेकर मेरे मौसाजी व जीजा जी समेत सभी परिजनों ने मुझे समय-समय पर भरपूर साथ दिया। ज्ञात हो सोमदत्त अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल प्राथमिक विद्यालय झहुरी में प्राप्त किया । इसके बाद से उच्च शिक्षा हेतु मध्य विद्यालय झहुरी, सूर्य प्रसाद प्लस टू हाई स्कूल लौकही, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय एवं पटना के कई शिक्षण संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन किया। और दारोगा बनकर अपने गांव झहुरी व लौकही प्रखंड समेत मधुबनी जिला स्थित फुलपरास अनुमंडलीय क्षेत्र का नाम रौशन किया है।

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