तथाकथित पत्रकार सिंदवाज खान का तलवार के साथ खुला प्रदर्शन

स्थानीय समाचार

नंगी तलवार के साथ फोटो वायरल,पत्रकार है या तलवारबाज

तथाकथित पत्रकार सिंदवाज खान का क्षेत्र में आतंक,तलवार से दहशत

सोशल मीडिया पर दहशत फैलाने एंव क्षेत्र में दलाली बढ़ाने के लिए करता है तलवार के साथ प्रदर्शन

थाना साहिबाबाद चौकी अर्थला 156 जीडीए फ्लैट सजंय कॉलोनी में रहता है तथाकथित पत्रकार सिंदवाज खान

पुलिस प्रशासन द्वारा क्या होगी इस तथाकथित पत्रकार पर कार्रवाई,कैसे होगी तलवार बरामद,बड़ा सवाल

गाजियाबाद:-जिले के थाना साहिबाबाद चौकी अर्थला क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है इस क्षेत्र में रहने वाले एक युवक का तलवार के साथ करीब पांच फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं युवक अलग-अलग तरीके से फोटो में तलवार के साथ प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहा है। फोटो में युवक के हाथ में खुली हुई धारदार तलवार दिखाई दे रही है। इस तरह से तलवार के साथ खुला प्रदर्शन करना दंडनीय अपराध है । तलवार के साथ दिख रहा युवक अपने आप को पत्रकार बताता है ।और तलवार के साथ प्रदर्शन कर क्षेत्र में दहशत फैलाता है ।

जानकारी के मुताबिक जनपद गाजियाबाद के थाना साहिबाबाद चौकी अर्थला क्षेत्र में रहने वाला युवक सिंदवाज खान अपने आपको पत्रकार बताता है । इस तथाकथित पत्रकार के तलवार के साथ प्रदर्शन करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं अलग-अलग तरीके से फोटो में तलवार के साथ पोज़ देता हुआ तथाकथित पत्रकार दिखाई दे रहा है । सिंदबाज खान अपने आपको पत्रकार बताता है और क्षेत्र में पत्रकारिता एंव तलवार के बल पर खुलेआम अवैध वसूली करता है ।लेकिन इसको यह नहीं पता है कि क्या होती है पत्रकारिता की गरिमा इस प्रकार से सोशल मीडिया पर तलवार के साथ फोटो वायरल करना क्या पत्रकारिता की श्रेणी में आता है। पत्रकारिता एक बुद्धिजीवी वर्ग है इसमें बुद्धिमान लोग कार्य करते हैं ना की तलवार के साथ प्रदर्शन करने वाले अपराधी लोग ।प्रशासन द्वारा लगातार अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रदर्शन करने वाले लोगों को खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उनको जेल भेजा जा रहा है ।लगातार हो रही कार्यवाही के बावजूद भी इस तथाकथित पत्रकार सिंदवाज खान को कोई डर भय नहीं है ।खुलेआम नंगी तलवार के साथ प्रदर्शन करते हुए इसके 5 फोटो वायरल हुए हैं ।थाना साहिबाबाद पुलिस इस मामले को संज्ञान में लेकर क्या कार्यवाही करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।

*परम्परागत हथियार रखने के लिए लेना होता है लाइसेंस*
कई वर्ष पूर्व केंद्र सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें बताया गया था कि भाला ,बल्लम व तलवार,चाकू रखने के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी । इन हथियारों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है । और समय-समय पर नवीनीकरण भी कराया जाता है।

तलवार और चाकू का लाइसेंस भी बंदूक के लाइसेंस की तरह बनता है। पुलिस और तहसील की रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी लाइसेंस जारी करते हैं। बंदूक के लाइसेंस पर शस्त्र का नंबर अंकित होता है। लेकिन, चाकू या तलवार के लाइसेंस पर ऐसा नहीं है। उस पर सिर्फ चाकू, तलवार या खंजर का संदर्भ लिखा जाता है। छह इंच से ज्यादा फाल के चाकू के लिए लाइसेंस जरूरी है। चाकू, तलवार और खंजर का एक ही लाइसेंस बनता है। इसलिए परंपरागत हथियार रखने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है।लेकिन तथाकथित पत्रकार सिंदवाज खान बिना लाइसेंस के खुलेआम सोशल मीडिया पर तलवार के साथ प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहा है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *