फर्जी डीएम व कप्तान को पुलिस ने पकड़ कर भेजा जेल, ये विभागों में फोन कर बनाते थे दबाव
नोएडा। अंतर्गत थाना सैक्टर 63, पुलिस द्वारा फर्जी एसपी,जिला कलेक्टर बनकर पुलिस की छवि धूमिल करने वाले अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार।
जानकारी के अनुसार वादी द्वारा थाना सैक्टर 63 नोएडा पर तहरीर दी गयी कि दिनांक 19.08.2024 को शाम के समय वादी अपनी पत्नी के साथ सब्जी लेकर अपने कमरे पर जा रहा था तभी रास्ते में चेतराम वाली गली में पानी के प्लांट के पास बाले यादव द्वारा वादी व उसकी पत्नी के साथ गाली गलौच करते हुए डंडे से मारपीट की गयी तथा जान से मारने की धमकी दी गयी, जिससे उक्त घटना में मारपीट करने से वादी व उसकी पत्नी को चोट आयी है। प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना सैक्टर 63, नोएडा पर मु0अ0सं0 368/2024 धारा 115(2)/351/352(2) बीएनएस बनाम बाले यादव उपरोक्त पंजीकृत किया गया तथा वादी व उसकी पत्नी का सरकारी मेडिकल कराया गया।
उक्त अभियोग पंजीकरण के बाद दिनांक 21.08.2024 को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें किसी नारायन वर्मा नाम के व्यक्ति द्वारा फर्जी एसपी/जिला कलेक्टर बनकर मु0अ0सं0 368/2024 के वादी के पास कॉल की गयी तथा वादी को बताया गया कि वह एसपी कार्यालय से साइबर सैल प्रभारी बात कर रहा है एवं वादी से उसके साथ घटित घटना के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी प्राप्त की गयी एवं वादी द्वारा अपने साथ घटित घटना के सम्बन्ध में दर्ज कराये गये उक्त मु0अ0सं0 368/2024 में अभियुक्त के विरूद्ध गिरफ्तारी वारण्ट निकालने एवं अभियुक्त की तत्काल गिरफ्तारी करने और अभियुक्त की 06 माह तक सुनवाई न होने देने तथा अभियुक्त की 06 माह तक जमानत न होने देने का भरोसा दिलाया गया तथा वादी से ऑनलाइन 3000 रूपये की मांग की गयी। वादी द्वारा पैसे देने से मना किया गया तो उक्त व्यक्ति नारायन वर्मा (फर्जी एसपी/जिला कलेक्टर) द्वारा वादी के साथ गाली-गलौच की गयी तथा वादी के मुकदमें की फाईल का दबा देने एवं वादी के मुकदमें में कोई कार्यवाही न करने धमकी दी गयी।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल ऑडियो क्लिप का तत्काल संज्ञान लेते हुए वादी/पीड़ित से उक्त घटना के सम्बन्ध तहरीर प्राप्त कर थाना सैक्टर 63, नोएडा पर मु0अ0सं0 मु0अ0सं0 373/2024 धारा 318(4)/308(2)/352/351(4)/204 बीएनएस बनाम नारायन वर्मा (फर्जी एसपी/जिला कलेक्टर) पंजीकृत किया गया तथा पुलिस की छवि धूमिल करने एवं वादी से उसके मुकदमें में कार्यवाही कराने के नाम पर पैसे की मांग करने वाले नारायन वर्मा (फर्जी एसपी/जिला कलेक्टर) की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु उच्चाधिकारीगण के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा फर्जी एसपी/जिला कलेक्टर की पहचान लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर अभियुक्त के मोबाइल को इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से ट्रेस किया गया तो उक्त मोबाइल धारक की पहचान धीरेन्द्र यादव पुत्र पहलवान यादव निवासी ग्राम बारी थाना लिधौरा, जनपद टीकमगढ़ मध्य प्रदेश के रूप में हुई। दिनांक 22.08.2024 को अभियुक्त धीरेन्द्र यादव को उसके निवास ग्राम बारी से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त धीरेन्द्र यादव उपरोक्त के कब्जे से उक्त घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन की-पैड भी बरामद किया गया।
पकड़े हुए के संदर्भ में बताया गया कि गिरफ्तारशुदा अभियुक्त धीरेन्द्र यादव (फर्जी एसपी/जिला कलेक्टर) द्वारा बताया गया कि वह आम जनमानस की सुविधा हेतु उत्तर-प्रदेश पुलिस द्वारा चलाये गये यूपी कॉप एप का गलत प्रयोग कर दूरस्थ स्थान के जनपद व थाना का चयन करके धारा 323/324(मारपीट)/363(अपहरण) भादवि जैसी धाराओं की एफआईआर निकाल लेता था तथा एफआईआर में शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये मोबाइल नं0 पर कॉल कर उनसे उनकी घटना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी करके उनके द्वारा दर्ज कराये गये अभियोग में अभियुक्त की गिरफ्तारी/अपहृत की बरामदगी एवं अन्य कार्यवाही कराने के नाम पर पैसे की मांग कर क्यूआर कोड एवं यूपीआई के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजक्सन कराता था। यदि शिकायतकर्ता द्वारा उसे पैसे देने से मना किया जाता था तो उसके द्वारा शिकायतकर्ता के अभियोग की फाईल को दबा देने एवं कोई कार्यवाही न करने की धमकी दी जाती थी।
अभियुक्त धीरेन्द्र यादव (फर्जी एसपी/जिला कलेक्टर) उपरोक्त 10वी कक्षा फेल है, जिसके द्वारा पिछले 01 वर्ष से यह कार्य किया जा रहा है। अभियुक्त द्वारा पूर्व में भी जनपद गाजियाबाद एवं गौतमबुद्धनगर में शिकायकर्ता से कॉल कर पैसे की मांग की जा चुकी है। अभियुक्त ने पूछताछ में यह भी बताया कि उसके गांव में लगभग 7-8 लडके यही काम करते है, जो सुबह के समय जंगल में चले जाते है तथा यूपी कॉप एप से एफआईआर निकालते है और यूपी कॉप एप में टाईटल को देखकर यह जानकारी करते है कि किस प्रकार का मुकदमा एवं किन धाराओं में लिखा गया है तथा जांच अधिकारी का भी नाम पता कर लेते है। उसके बाद अपना टारगेट फिक्स करते है। ठगी करने वाले लोग कानून में आईपीसी/बीएनएस की धाराओ की अच्छी जानकारी रखते है। अभियुक्त द्वारा पीड़ित से करीब 3,000 से 5,000 रूपये की मांग की जाती थी, जिससे कि कोई भी पीड़ित उसको आसानी से रूपये का ऑनलाइन ट्राजक्सन कर सके। अभियुक्त द्वारा जिस सिम से कॉल की जाती है उस सिम के धारक का नाम पता फर्जी रहता है, फर्जी सिम अभियुक्त द्वारा अपने ही गांव बारी के रहने वाले पुष्पेन्द्र यादव से लिया जाता था तथा अभियुक्त प्रत्येक ट्रांजक्सन में पुष्पेन्द्र यादव का ही अकांउट यूपीआई/क्यूआर कोड का प्रयोग करता था। जिसके लिए उसको प्रत्येक ट्रांजक्शन पर 20 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। अभियुक्त द्वारा उक्त घटना में जिस मोबाइल का प्रयोग किया गया है उसका धारक अशोक कुमार पुत्र ठाकुर दास निवासी ग्राम बम्होरी सुहागी पोस्ट पथगुआं मुरानीपुर जनपद झांसी है जोकि अभियुक्त के निवास स्थान से 40 किमी0 दूर का पता है। जिन अभियोग में सजा 07 वर्ष से कम एवं जिस केस में पीड़ित अधिक पैनिक स्थिति में हो उन्ही केस में कॉल की जाती है। अभियुक्त द्वारा इस बात का विश्वास दिलाने के लिए कि वह पुलिस विभाग से है, एफआईआर तत्काल डाउनलोड करके पीड़ित को भेज दी जाती है जिससे कि उन्हे विश्वास हो जाये कि यह लोग पुलिस विभाग से है।
थाना फेस-1, नोएडा पर पंजीकृत अभियोग में भी अपहृत की बरामदगी के बाद अभियुक्त द्वारा कॉल करके मुकदमें को तत्काल समाप्त कराने के लिए 1000 की मांग की गयी थी। जिसके सम्बन्ध में भी थाना फेस-1, नोएडा पर अभियोग पंजीकृत है।
अभियुक्त के अन्य साथी एवं अभियुक्त को फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले पुष्पेन्द्र यादव के बारे में भी जानकारी की जा रही है।