सॉफ्टवेयर के माध्यम से ई-पॉस से लैस राशन की दुकानों की होगी रेगुलर मॉनिटरिंग

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सॉफ्टवेयर के माध्यम से ई-पॉस से लैस राशन की दुकानों की होगी रेगुलर मॉनिटरिंग

 

  1. -ई-पॉस उपकरणों के जरिए राशन की दुकानों के ऑटोमेशन स्टेटस में लाई जाएगी तेजी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने शुरू की प्रक्रिया
  2. -यूपीडेस्को को सौंपी गई ई-पॉस मशीनों की रेगुलर मॉनिटरिंग को सुनिश्चित करने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने की जिम्मेदारी
  3. -राशन की दुकानों के उच्चीकरण व ई-पॉस मशीनों की रोलआउट प्रक्रिया की मॉनिटरिंग के लिए यूपीडेस्को करेगा एजेंसी का चयन
  4. -प्रदेश में सभी राशन की दुकानों को इलेक्ट्रॉनिक वेइंग स्केल पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ सेल उपकरणों से किया जा रहा है लैस

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश की सभी राशन की दुकानों में ई-पॉस उपकरणों की रोलआउट प्रक्रिया में तेजी लाने जा रही है। योगी सरकार के निर्देश पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को इसकी मॉनीटरिंग के लिए सॉफ्टवेयर का विकास करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस क्रम में यूपीडेस्को द्वारा एक एजेंसी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जो प्रदेश की सभी राशन की दुकानों को ई-पॉस मशीनों से युक्त करने के साथ ही उसके ऑटोमेशन व रेगुलर मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेगी।

ईडब्ल्यूएस युक्त ई-पॉस मशीनों को किया जाएगा राशन की दुकानों में स्थापित
योगी सरकार की योजना के अनुसार राशन की दुकानों के ऑटोमेशन की जिस प्रक्रिया को पूरा किया जाना है उसमें तेजी यूपीडेस्को द्वारा एजेंसी निर्धारण के बाद आएगी। यूपीडेस्को द्वारा प्रक्रिया शुरू करते हुए इंपैनल्ड एजेंसियों से आवेदन मांगे गए हैं। उल्लेखनीय हैं कि जिस एजेंसी को यह कार्य आवंटित होगा उसे न केवल यह सुनिश्चित करना होगा कि इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ सेल (ई-पॉस) डिवाइसेस को प्रदेश की सभी राशन की दुकानों में स्थापित किया जाए, बल्कि इसके संचालन, मेंटिनेंस व रेगुलर मॉनिटरिंग के फ्रेमवर्क को भी एजेंसी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। जिन ई-पॉस डिवाइसेस को राशन की दुकानों में स्थापित किया जा रहा है वह इलेक्ट्रॉनिक वेइंग स्केल (ईडब्ल्यूएस) पर आधारित होंगी।

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के जरिए रेगुलर मॉनिटरिंग होगी सुनिश्चित
प्रदेश की सभी राशन की दुकानों में ई-पॉस डिवाइसेस के इंस्टॉलेशन और ऑटोमेशन के बाद इनकी रेगुलर मॉनिटरिंग के लिए एक विशिष्ट सॉफ्टवेयर को भी डेवलप किया जाएगा। इस रेगुलर मॉनिटरिंग को सुनिश्चित करने के लिए पॉस एप्लिकेशन के विकास के साथ ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के लिए प्रॉपर फ्रेमवर्क और ट्रेनिंग प्रक्रिया को भी पूरा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 79,500 फेयर प्राइस शॉप्स हैं जो कि 3.59 करोड़ परिवारों को लाभान्वित करती हैं। इनके जरिए प्रति माह अंत्योदय अन्न योजना के जरिए राशन कार्ड धारक लाभान्वित होते हैं। लगभग 80 लाख क्विंटल खाद्य सामग्रियां इन राशन की दुकानों के जरिए प्रति माह राशन कार्ड धारक लाभार्थियों तक पहुंचती हैं। यही कारण है कि लाभार्थियों को घटतौली और कालाबजारी से बचाने तथा पूर्ण पारदर्शिता के साथ लाभान्वित करने की मंशा से योगी सरकार इस प्रक्रिया को लागू करने में तेजी ला रही है।

दो फेज में पूरी होगी मॉनिटरिंग प्रक्रिया
ई-पॉस मशीनों के इंस्टॉलेशन और ऑटोमेशन के साथ ही सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की प्रक्रिया को दो फेज में पूरा किया जाएगा। फेज वन में राज्य के सभी ईडब्ल्यूएस युक्त ई-पॉस उपकरणों के कार्यान्वयन की निगरानी की जाएगी। इसके बाद दूसरे फेज में राशन की दुकानों के ई-पॉस उपकरणों के स्वचालन के लिए परियोजना प्रबंधन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इस पहल की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सभी राशन की दुकानों में सिस्टम इंटीग्रेटर की एसएलए निगरानी और रिपोर्टिंग को सुनिश्चित किया जाएगा। समय-समय पर मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (एमआईएस) रिपोर्ट के विश्लेषण के साथ प्रगति रिपोर्ट भी तैयार करके विभिन्न प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन की स्थिति को मॉनिटर किया जाएगा।

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