लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के रडार पर लगभग दो दर्जन अभियंता हैं।इसमें अधिकतर अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता हैं।अलग-अलग मानकों पर पावर कार्पोरेशन रिपोर्ट तैयार करवा रहा है।मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले अभियंताओं पर एक्सन होगा।सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में समीक्षा बैठकों के दौरान एक्सन का आदेश संबंधित डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को थमा दिया जाएगा। बीते दिनों ट्रांसफॉर्मर जलने के मामले में दो अभियंताओं को निलंबित किया गया था।इसी मामले में आधा दर्जन से ज्यादा एक्सन की जद में आए थे।आगे भी ऐसा ही मुमकिन है।
बीते दिनों ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने लाइन लॉस की स्थिति को नियंत्रित करने के आदेश दिए थे। ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि जहां लाइन लॉस ज्यादा हैं, वहां पर तैनात अभियंताओं की निगरानी रखी जाए। सूत्रों के अनुसार अब यूपी में क्षेत्रवार लाइन लॉस के आंकड़ा तैयार हो रहा हैं।अगली समीक्षा बैठकों में इस संबंध में बात होगी,जो क्षेत्र सबसे ज्यादा लाइन लॉस वाले चिह्नित किए जाएंगे उनमें तैनात अभियंता पर एक्सन संभव है।इसके अलावा बकाया वसूली समेत अन्य मानकों पर भी आंकड़ा तैयार हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार अप्रैल के शुरुआत के पहले ही बड़े पैमाने पर अभियंताओं पर एक्सन हो सकता है।पावर कॉरपोरेशन गर्मियों की तैयारियों में लापरवाही बर्दाश्त न करने का तो संदेश देना ही चाहता है साथ ही यह भी साफ करना चाहता है कि अगर निजीकरण के खिलाफ आंदोलन तेज हुआ तो कॉरपोरेशन एक्सन के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।
पावर कॉरपोरेशन ने 10 और 11 मार्च को शक्ति भवन मुख्यालय में तैनात अभियंताओं को जिलों में गर्मी की तैयारियों के लिए हुए इंतजामात को जानने के लिए भेजा था। हर डिस्कॉम में अभियंताओं की ड्यूटी लगाई गई थी। सूत्रों के अनुसार पावर कॉरपोरेशन को इन अभियंताओं की रिपोर्ट का भी इंतजार है।रिपोर्ट में अगर गंभीर शिकायतें पाई गईं तो जिम्मेदारों की नाप-जोख तय है।हर डिस्कॉम से शीर्ष दस ऐसे अभियंताओं की रिपोर्ट मांगी गई हैं, जिन्होंने गर्मी के लिहाज से अपनी वर्कशॉप में उपकरण दुरुस्त नहीं रखे हैं।अब इनमें से कितनों पर एक्सन होगा यह तो समय ही बताएगा,लेकिन कम से कम पांच अभियंताओं को इसके लिए जिम्मेदार बताने की तैयारी है।
अभियंताओं पर एक्सन होते ही बिजली कर्मचारी संगठनों और पावर कॉरपोरेशन के बीच तनाव बढ़ने की भी उम्मीद है,जिससे उपभोक्ताओं की परेशानी लाजिमी है। बरहाल पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण के विरोध में अभियंताओं समेत बिजली कर्मचारी लामबंद हैं।इसके अलावा बीते दिनों ट्रांसफॉर्मर मामले में उन्नाव में तैनात रहे अभियंताओं पर हुए एक्सन के बाद जिस तरह से पेशबंदी शुरू हुई,उससे पावर कॉरपोरेशन और बिजली कर्मचारी संगठनों में टकराव के आसार एकदम साफ हैं। अगर ऐसी स्थिति आती है तो उपभोक्ताओं को समस्या झेलनी पड़ सकती है।