जो जैसी मानसिकता का होगा वो वैसी ही मानसिकता अपने परिवार,रिस्तेदार,मित्र व अपने से जुड़े लोगों की बना देगा-इंजीनियर लख्मीचंद यादव
यह कटु सत्य है जब तक इंसान की तुच्छ मानसिकता नही बदलेगी तब तक उसके अंदर मानवता भी कभी पुनर्जीवित नही होगी।आप देखिए डॉक्टर चड्ढा ने एक गरीब के एकलौते बीमार पुत्र को नही देखा डॉक्टर चड्ढा अपने बंगले में गोल्फ खेलते रहे आखिर गरीब के पुत्र ने डॉक्टर चड्ढा के गेट पर ही दम तोड़ दिया दम तोड़ने के बाद भी डॉक्टर चड्ढा गरीब के पुत्र को बाहर देखने तक नही आए पूरी रात इंतजार के बाद गरीब अपने बेटे की डेड बॉडी को रौते बिलखते उठाकर अपने घर ले गए।
दोस्तो डॉक्टर चड्ढा जैसे अभिमानी,घमंडी, घटिया लोगो से हम ना तो कभी उठ-बैठ बनाते है ना हम ऐसे लोगो से बात करते है और ना हम ऐसे घटिया लोगो से कभी मित्रता जोड़ते है हम ऐसे तुच्छ लोगो से सदैव दूर रहते है वो चाहे अडानी अम्बानी के बराबर ही अमीर क्यों न हो।ऊपर वाले से हम विनती करते है ऐसे घटिया लोगो को कभी भी महत्वपूर्ण पद व पावर में न बिठाए।
100 साल पहले बनी देश की सबसे पहली और सबसे बड़ी यादव महासभा अखिल भारतवर्सिय यादव महासभा के मुखिया व उस संगठन में रहकर बने सांसद, विधायक,एमएलसी मेयर चेयरमैन आदि ने पद और पावर में रहकर सदैव अपने समाज से दूरी बनाई उन्ही की नाकामी की वजह से आज हमारे समाज की ये बुरी दुर्दशा हुई है।
भारतीय जनसेवा मिशन ने सबसे पहले अखिल भारतवर्सिय यादव महासभा को बेनकाब करके इन्हें इनकीं हद में सीमित कर दिया है देखिए आज समाज मे इनकीं ना कोई वेल्यू बची है और ना समाज मे इनकीं अब कोई हैसियत बची है।साथियों ऐसा साहसिक काम करके भी हमने जनसेवा ही कि है।
संघर्ष और जनसेवा है लक्ष्य हमारा।