सूखी नहरें, बेहाल किसान, जिम्मेदार बेखबर, अमृत विचार की पड़ताल में दिखी भयावह तस्वीर

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सूखी नहरें, बेहाल किसान, जिम्मेदार बेखबर, अमृत विचार की पड़ताल में दिखी भयावह तस्वीर

जिले के अधिकतर इलाकों में नहरें पड़ी हैं सूखी, सिंचाई के लिए किसानों को लाले पड़े

अयोध्या। जिले के अधिकतर इलाकों में नहरें अभी तक सूखी पड़ी है। किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए निजी और महंगे संसाधनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। लोकसभा चुनाव निपटने के बाद भी इस समस्या को लेकर जिम्मेदार आंखें बंद किए बैठे हैं। यूपी न्यूज़ एक्सप्रेस की ओर से कराई गई पड़ताल में सिंचाई के संकट को लेकर भयावह तस्वीर दिखाई दी। पेश है एक रिपोर्ट –

नहरों में पानी नहीं, किसान आंसू बहाने को मजबूर

पूरा बाजार- ब्लाक में पड़ने वाली नहरों में पानी नहीं आ रहा हैं। जिसके चलते किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। सराय चैमल के राकेश वर्मा, मनीष कुमार वर्मा, शोभाराम वर्मा, शांतिपुर के राकेश प्रताप सिंह, आनंद सिंह, गंगौली के राकेश पाठक, सुरेश तिवारी , बजरंग पांडे, कपिल सिंह कहते हैं कि दो माह पहले नहर में पानी आया था उसके बाद पानी नहीं आया। इस समय गन्ने की सिंचाई बहुत महत्वपूर्ण है जिसके लिए डीजल खर्च करके पंपसेट से सिंचाई की जा रही है।
पुरखेपुर के किसान अरुण पांडे, सत्य प्रकाश पाण्डेय, सियाराम वर्मा बताते हैं कि धान की नर्सरी डालना है पानी के अभाव में नहीं पड़ पा रहा है। गन्ने की सिंचाई के साथ सब्जियों की फसलों को जिंदा रखने के लिए सिंचाई करना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता मनीष वर्मा ने बताया कि 20 जून तक नहर में पानी आ जाएगा। मया के पास पुल का निर्माण हो रहा है। इसलिए पानी आने में समय लग रहा है।

नहर में नहीं पानी, किसानों की बढ़ी परेशानी

सोहावल- लगभग 25 फीसदी किसानों की खेती का आधार शारदा सहायक नहर में अब तक पानी न आने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पानी के अभाव में इनकी जायद की फसल तो गई ही खरीफ की फसल पर भी खतरा मंडरा रहा है। खेतों की जुताई, बेहन का पड़ना शुरू हो गया है। निजी नलकूप रखने वाले किसानों के लिए मौसम अनुकूल होने के आसार बन रहे है ऐसे में नहर में पानी न आने से इस पर आश्रित किसानों की खेती पिछड़ रही है।
खिरौनी के किसान रामचंद्र सिंह, कन्हैया लाल, सफीक, फरीद आदि कहते है नहर बंद हुए दो माह से ज्यादा हो गए। जब तक बेहन के लिए खेत की तैयारी और पानी का प्रबंध पूरा न हो जाय किसान धान का बीज खरीद कर घर ले जाना घाटे का सौदा मान रहे है। करोड़ों की लागत से विकसित की जा रही समदा पक्षी विहार के वन्य जीव और आकर्षण का केंद्र बनी मछलियों का जीवन भी इसी नहर के पानी भर पर निर्भर है।
20 जून तक नहर में पानी आ जाने की उम्मीद है। 15 जून के बाद ही नहर चालू होती रही है। किसानों की मांग को लेकर जल्दी से जल्दी चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है..,अनुज कुमार यादव, अवर अभियंता, नहर विभाग

नहरों में पानी नहीं, धान की नर्सरी पिछड़ी

मिल्कीपुर- तहसील क्षेत्र से गुजरी डबल नहर इस समय सूखी पड़ी है। जिससे किसान धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। सिंचाई विभाग की मानें तो नहरों में पानी छोड़ने का रोस्टर प्रणाली लागू है। रोस्टर के अनुसार निश्चित समय तक ही पानी की आपूर्ति की जाएगी।
मिल्कीपुर अमानीगंज के मध्य से निकली सुल्तानपुर फैजाबाद युनाइटेड ब्रांच डबल नहर के किनारे के किसानों की मुख्य फसल धान है लेकिन नहर में जरूरत के समय पानी की आपूर्ति नहीं होने से किसानों को धान की खेती करने में समस्या आ रही है। इस अमानीगंज, नरसड़ा, पाण्डेय का पुरवा, कटरा, नंदौली, सिधौंना, पूरब गांव, तेंधा, गोकुला, गोयड़ी, शुक्ल का पुरवा, रायपुर सहित हजारों गाँवों के किसान पूरी तैयारी के बावजूद भी पानी के अभाव में धान की नर्सरी नहीं डाल पाए हैं।

नहरों में उड़ रही है धूल

रुदौली- नहरों में उड़ रही धूल से खेत में लगाने वाली धान की नर्सरी किसान नही लगा पा रहे। पतले और ज्यादा दिन लेने वाले धान के रोपाई भी प्रभावित होगी। इसका असर धान की पैदावार पर पड़ेगा। नहर पर निर्भर किसान नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे। नहर और माइनर के पास के तालाब में पानी भरने का इंतजार करने वाले ग्रामीणों में इससे आक्रोश हैं।
तहसील रुदौली में दोहरी शारदा सहायक नहर लोहटी सरैया से होती हुई तहसील मिल्कीपुर और इसी शाखा की एकल नहर जमुनियामऊ ऐहार होते हुए तहसील सोहावल की सुचिता गंज बाजार से अयोध्या की तरफ चली जाती है। इन दोनों नहरों के साथ साथ इससे निकली दर्जनों माइनर की बालू और हवा में उड़ रही है। जमुनियामऊ के जगजीत मिश्रा, लोहाटी के संतोष पांडे, फिरोजपुर मखदूमि के राज किशोर सिंह, हरिहरपुर बलैया के शरीक खान, शहर के पूरेकाजी के राजेश मिश्रा नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं।

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