जातिवादीयों और सामन्तवादियों को खदेड़ने के लिए इंजीनियर लख्मीचंद यादव ने भारतीय जनसेवा मिशन का गठन किया
अक्टूबर 1943 में नेताजी सुभाषचंद्र बोष ने अंग्रेजी हुकूमत को भारत से खदेड़ने के लिए आज़ाद हिंद फौज का गठन किया ठीक उसी तरह जातिवादीयों और सामन्तवादियों को खदेड़ने के लिए इंजीनियर लख्मीचंद यादव ने फरवरी 2020 में भारतीय जनसेवा मिशन का गठन किया है।
आजाद हिंद फौज का लक्ष्य अंग्रेजों से जंग लड़कर भारत देश को स्वतंत्रता दिलाना था इसी तरह भारतीय जनसेवा मिशन का लक्ष्य हर जातिवादीयों और हर सामन्तवादियों से जंग लड़कर समस्त भारतीयों को स्वतंत्रता दिलाना है।
आज़ाद हिंद फौज को भारत तो छोड़ो सिंगापुर और जापान जैसे देशों ने भी मिलकर आर्थिक सहयोग किया था तभी नेताजी सुभाषचंद्र बोष मात्र 4 वर्ष में ही अपने लक्ष्य में सफल हो गए थे वही भारतीय जनसेवा मिशन अभी भी आर्थिक सहयोग मिले बगेर अछूता है इसलिए हमने 10 वर्ष अपना लक्ष्य रखा है हम समझते है यदि 1% यादव भी भारतीय जनसेवा मिशन को आर्थिक सहयोग कर दिए तो पूरी दुनिया मे हम भारतीय जनसेवा मिशन के नाम का डंका बजा देंगे इतना मादा हम खुद में रखते है वैसे भी आज नही तो कल भारतीय जनसेवा मिशन का डंका तो पूरी दुनिया मे बजना लाजमी ही है।
यह बात 101% सत्य है हम 1000 हजार बार हारकर भी जितने का खुद में मादा रखते है इसलिए हमारे हारने का कोई सवाल ही नही उठता।
एक सच्चा समाजसेवी वही होता है जिसकी साख,जिसका कद,जिसका वर्चस्व,जिसका रुतबा समाज मे दिन पर दिन बढ़ता रहे जैसे लगातार 41 वर्षो से हमारी साख, कद,रुतबा और वर्चस्व बढ़ रहा है।
संघर्ष और जनसेवा है हमारा लक्ष्य।