रायबरेली।कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली संसदीय लोकसभा में पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं। प्रियंका ने बुधवार को राहुल गांधी के चुनाव प्रचार की शुरुआत की।बछरावां विधानसभा क्षेत्र के थुलवासां में आयोजित नुक्कड़ सभा में प्रियंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।इस दौरान दौरान प्रियंका ने जनता और अपने परिवार के बीच के भावनात्मक रिश्तों का भी जिक्र किया।
प्रियंका ने कहा कि मोदी जी ने आपकी मुश्किलें कम करने और जरूरतें पूरी करने की बजाय पांच किलो राशन का बोरा पकड़ा दिया।पांच किलो राशन में क्या होने वाला है।युवा इम्तिहान देते हैं, लेकिन भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो जाता है। किसान भाइयों को फसलों को छुट्टा पशुओं से बचाने के लिए खेत में सोना पड़ रहा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि 103 साल पहले रायबरेली का किसान जब ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आंदोलन कर रहा था, तब मोतीलाल नेहरू ने यहां पंडित जवाहरलाल नेहरू को भेजा। विरोध स्वरूप नेहरू जी ने गिरफ्तारी दी थी। तब से हमारे और आपके बीच का रिश्ता है। इंदिरा जी के समय आपको कुछ बातें अच्छी नहीं लगीं। तब आप ने उनको चुनाव हराया। प्रियंका ने कहा आप ने सोचा की ये जो इंदिरा जी की नीति है जनता के लिए लाभदायक नहीं है, तो आप ने उन्हें हरा दिया,लेकिन इंदिरा जी नाराज नहीं हुईं और आपने जो किया उस पर उन्होंने आत्मचिंतन किया। उन्होंने सोचा की हो सकता है कि कोई गलती हुई हो। इसके बाद वह फिर चुनाव के लिए रायबरेली आईं और आप ने उन्हें चुनाव जिताया। यह रायबरेली की खासियत है कि आप जागरूक हैं। रायबरेली की जनता पर गर्व होना चाहिए।
प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री अमेठी सांसद स्मृति ईरानी इरानी पर भी निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि धर्म की आड़ में दुरदुरिया के माध्यम से जो कसम खिलाई जाती है और वोट लिया जाता है, वह अब काम नहीं आने वाला। जनता भाजपा और उसके प्रत्याशियों की असलियत समझ गई है।
हलोर कुसुढ़ी सागरपुर में आयोजित नुक्कड़ सभा में प्रियंका गांधी ने कहा कि यह चुनाव देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने का है। यह ऐतिहासिक बेरोजगारी, प्रचंड महंगाई, संस्थागत भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट को हराने का चुनाव है। आपका एक-एक वोट महत्वपूर्ण है।सोच-समझ कर अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए भारी संख्या में मतदान करें। अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए मतदान करें।
प्रियंका गांधी ने कहा कि कुछ दिनों पहले मेरी मां ने मुझसे कहा था,श कि मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर पूरा होता है।ऐसा परिवार,जिसने कई पीढ़ियों को अपने में मिला लिया, जो दशकों तक हर उतार-चढ़ाव, सुख-दुख, संकट और संघर्ष में चट्टान की तरह हमारे साथ खड़ा रहा। यह स्नेह और भरोसे का रिश्ता है। यह सेवा और आस्था का रिश्ता भी है, जो आधी सदी से अटूट है।