…आसमान गिर रहा है…

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…आसमान गिर रहा है…

बढ़ती आबादी सभी जंगलो को काटती जा रही है, लोग जंगलो को काटकर इमारते बना रहे है ऐसा ही कुछ हाल कुशीनगर गांव का भी था वहा के घने जंगलो को काटा जा रहा था , वहा रह रहे सभी जानवर धीरे धीरे बेघर हो रहे थे ,सभी परेशान थे पर वहा रह रहे तीन चूहे सोनू, मोनू, टोनू ये बेफिक्र थे इनका मानना था हम कौन सा पेड़ पर रहते है हमे तो ज़मीन के अंदर रहना है और अगर ज़मीन हट गई इमारत बन गई तो और बढिया हम उसमे ही रह लेंगे , बस यही सोच तीनो बिंदास घूम रहे थे कि अचानक टोनू का ध्यान आसमान की ओर गया और उसने कहा ओ तेरी! ये क्या है मोनू? देख तो सही ,मोनू देखा और बोला लगता है अब इंसान आसमान मे भी घर बनाएंगे कि तभी किसी इंसान की आवाज आई देखो राॅकेट कैसे आसमान को चीरते हुए जा रहा है तब सोनू बोला अरे! नही ये इंसान आसमान को चीर रहे ,मतलब आसमान को काट रहे है ये यंत्र चल रहा है और पीछे से आसमान को काट रहा है… टोनू बोला तब तो हमें भागना चाहिए, सोनू बोला लेकिन क्यों?टोनू बोला अरे! जब आसमान काट रहे हैं तो वो कभी भी गिर सकता है मोनू बोल अरे ऐसा थोड़ी होता है आज तक आसमान नहीं गिरा टोनू बोला आज तक आसमान काटा भी तो नहीं गया और देखते नहीं जब इंसान पेड़ काटते हैं तो कैसे पूरा पेड़ एक बार में ही गिर जाता है… अगर नहीं भागे तो पूरा आसमान भी गिर जाएगा। तीनों दौड़ते हुए जंगल की ओर भागने लगे रास्ते में कुछ गधे मिले गधे ने तीनों चूहो से पूछा आखिर इतनी तेज क्यों भाग रहे हो? कहां जा रहे हो?चूहो ने सारी बातें बता दी फिर क्या था गधे जोर-जोर से चिल्लाते हुए भागने लगे कि भागो भागो आसमान गिर रहा है .. भागो जल्दी आसमान गिर रहा है.. गधों की बातें सुनकर सब जानवर आ गए और पूछने लगे कि क्या हुआ ऐसा क्यों बोल रहे हो ?भला आसमान कैसे गिरेगा? तब चूहो ने सारी बातें बताई कि आसमान को इंसानों ने काट दिया है देखो कैसे दो भागों में बट गया है और अगर जल्दी नहीं भागे तो ये गिर जाएगा और सब मर जाएंगे। सब सुनकर घबरा गए कि तभी वहां एक चालक और चतुर लोमड़ी आई उसने पूछा तुम्हें कैसे पता कि आसमान काट दिया गया है, चूहो ने बताया कि हमने अपनी आंखों से देखा और कानों से सुना है एक यंत्र आसमान में जा रहा था और उसके पीछे एक बड़ा सा चाकू था जो आसमान को चीर रहा था ऐसा इंसान बोल रहे थे और हमने देखा भी कि आसमान दो भागों में बट रहा था जैसे-जैसे वो जाता आसमान में एक लकीर सी खींचता जाता यानी काटता जाता, लोमड़ी बोली तो तब से अब तक आसमान गिरा क्यों नहीं, चूहे बोले अरे! तुमने देखा नहीं है कभी-कभी जब इंसान पेड़ काट देते हैं तो वह गिरते नहीं है वैसे ही रहते हैं पर जैसे ही छूओ तो वह धड़ाम होकर गिर जाते हैं शायद वैसे ही हुआ होगा, अब बातें मत करो भागो सब, बोलते हुए चूहे भागने लगे। लोमड़ी बोली रुको एक बार पूरी बात तो पता कर ले आखिर क्या सच में आसमान गिरने वाला है भी या नहीं ,पर गधे कहां किसी की सुनते हैं वो तो चिल्लाते हुए भागने लगे और सभी जानवर भी उनके पीछे भागने लगे और लोमड़ी भी दौड़ते हुए इंसानों की खेमे की ओर पहुंची उसने देखा सब शांत थे, अगर आसमान गिरता तो इंसान भी भागते लेकिन ये भाग क्यों नहीं रहे? सोचते हुए लोमड़ी आगे बढ़ी कि तभी लोमड़ी ने देखा दो व्यक्ति आपस में बात कर रहे थे ..देखा इधर हम जमीन पर है तो वहां नासा आसमान पर कदम रख रहा है दूसरा व्यक्ति बोला हां देखा नहीं आज ही तो गया था रॉकेट आसमान को चीरते हुए दुनिया से बाहर, उसके धुएं से पूरा आसमान निखर रहा था अब वह पल दूर नहीं जब चांद पर भी मनुष्य घर बनाएगा बोलते हुए दोनों हंसने लगे। अब लोमड़ी को सारा मांजरा समझ आ गया था और वह दौड़ते हुए वापस जंगल में गई और सभी जानवरों को रोका इससे पहले लोमड़ी कुछ कहती कि उसने देखा अब सभी जानवर गधों की भाषा बोल रहे हैं “भागो आसमान गिर रहा है” लोमड़ी जान गई कि सबको समझाना मुश्किल है इसलिए उसने बोला रूको सब मत भागो आसमान नहीं गिरेगा चूहो ने बोला तुम्हें फिर बात समझ नहीं आ रही क्या? लोमड़ी बोली नहीं मैं तुम्हारी बात अच्छे से समझ गई इसलिए बोल रही हूं रुको चूहे बोले क्या मतलब? लोमड़ी बोली कभी-कभी पेड़ काटने के बाद जब तक पेड़ छूते नहीं है वह गिरता नहीं है , है ना ? चूहे बोले हां! लोमड़ी बोली तो बस आसमान भी नहीं गिरेगा क्योंकि हम तो आसमान को छू नहीं सकते और इंसान छूने जाएंगे नहीं क्योंकि उन्हें तो पता है कि आसमान छूते ही गिर जाएगा और वह भी मर जाएंगे तो बस किसी को भागने की जरूरत ही नहीं कोई नहीं छूएगा आसमान। यह बात सब को ठीक लगी सब ने सोचा हां लोमड़ी सही बोल रही है फिर क्या था सब वापस अपने घर को चल दिए और चूहे दिमाग लगाते रहे, इस कहानी से यह सीख मिलती है कि जैसे अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है वैसे ही अधूरी जानकारी भी ,किसी बात को बिना जाने बिना समझे उस पर बर्ताव नहीं करना चाहिए क्योंकि जो दिखता है हमेशा वह सच नहीं होता और हो सकता है जो आपने देखा या सुना वो पूरा सच नहीं और ये कहावत तो सबने सुनी ही होगी की आंखों देखा हमेशा सच नहीं होता।

मिताली ममता शर्मा

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