इस संसार मे सिर्फ दो प्रकार के ही इंसान होते है एक अच्छे और दूसरे बुरे-इंजीनियर लख्मीचंद यादव
बचपन मे हमने पढा है इंसान ही इंसान के काम आता है पर सच तो ये है इंसान ही इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है इंसान ही इंसान पे जुल्म करता है उसे लुटता है उसका घर उजाड़ देता है मेने एक इंसान को दूसरे की लाश पर हंसते हुए देखा है इसलिए दुनिया मे दो तरह के इंसान होते है।
ये 4 प्रकार के मनुष्य दुनिया मे सभी जगहों पर मिल जाते है।
पहले मनुष्य परोपकारी होते है जिन्हें उत्तम पुरुष कहा जाता है जो हमेशा दुसरो पर परोपकार करते रहते है जो हमेशा दूसरों को संवारने के प्रयास करते रहते है ऐसे मनुष्यों को परोपकारी कहते है।
दूसरे मनुष्य देवता होते है जो स्वयं का भी कल्याण चाहते है और साथ ही साथ दूसरों का भी कल्याण चाहते है जो दूसरों को बचाने के लिए जो दूसरों को न्याय दिलाने के लिए जो दूसरों का हक्क दिलवाने के लिए निस्वार्थ सेवा भाव से लड़ाई लड़ते है ऐसे मनुष्यों को देवता कहते है।
तीसरे तरह के मनुष्य राक्षस यानी (स्वार्थी) होते है जिन्हें घर परिवार समाज और राष्ट्र से कोई भी हमदर्दी नही होती उन्हें सिर्फ अपना ही स्वार्थ दिखता है उनसे चाहे समाज राष्ट्र सब बर्बाद हो जाए उन्हें सिर्फ खुद से मतलब होता है।उन्हें चाहे कितना भी बड़ा अधर्म क्यों न करना पड़े, उन्हें चाहे कितना भी बड़ा पाप क्यों न करना पड़े,उन्हें चाहे किसी की भी हत्या क्यों न करनी पड़े ऐसे मनुष्यों को राक्षस कहते है।
चौथे प्रकार के मनुष्यों को पिशाच कहते है जिन्हें हित अनहित कुछ भी दिखाई नही पड़ता जो खुद तो डूबते ही है बल्कि दुसरो को भी साथ मे ले डुबते है जो खुद तो बर्बाद होते ही है दुसरो को भी बर्बाद कर देते है जो गरीब कमजोरो पर जुल्म करके उनका खून चूसते है उनको तबाह करते है ऐसे मनुष्यों को पिशाच कहते है।
भारतीय जनसेवा मिशन को सिर्फ पहले और दूसरे तरह के ही मनुष्य चाहिए तीसरे चौथे तो लाख करोड़ देने पर भी नही चाहिए तो बताओ कैसे भारतीय जनसेवा मिशन का इस देश पर राज कायम नही होगा? आने वाले 2029 के बाद भारतीय जनसेवा मिशन के नाम की अन्यायी अधर्मी सामंतवादी और भरस्टाचारीयों में बड़ी दहशत बन जाएगी उसके बाद हमारा अगला कदम क्या होगा ये अभी हमको भी मालूम नही है पर जो भी होगा वो राष्ट्र और समाज के हित मे ही होगा।